Pune News: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज पर पुणे में लगभग 2,500 कर्मचारियों को नौकरी से हटाने का आरोप लगा है। आईटी कर्मचारियों के संगठन नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लाइज सीनेट ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। कंपनी ने इन आरोपों को गलत और शरारतपूर्ण बताया है।
एनआईटीईएस के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखा। उन्होंने पुणे में पिछले कुछ हफ्तों में हुई बड़े पैमाने की छंटनी का जिक्र किया। उनका दावा है कि करीब 2,500 कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। यूनियन ने प्रभावित कर्मचारियों के हितों की रक्षा की मांग की।
केंद्र सरकार ने दिया निर्देश
केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने इस मामले में महाराष्ट्र के श्रम सचिव को necessary कार्रवाई का निर्देश दिया है। एनआईटीईएस ने कहा कि इस निर्देश के बावजूद जमीनी हालात चिंताजनक बने हुए हैं। संगठन का मानना है कि कर्मचारियों के साथ अनुचित व्यवहार हो रहा है।
यूनियन के अनुसार पुणे में कर्मचारियों को अचानक नौकरी से निकाल दिया गया। कई लोगों पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया। एनआईटीईएस ने मुख्यमंत्री से समय रहते हस्तक्षेप करने की अपील की है ताकि कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा हो सके।
टीसीएस ने दिया जवाब
टीसीएस ने छंटनी के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि यह जानकारी गलत और शरारतपूर्ण है। उन्होंने बताया कि संगठन में कौशल पुनर्गठन की एक पहल चल रही है। इससे सीमित संख्या में कर्मचारी प्रभावित हुए हैं।
कंपनी ने स्पष्ट किया कि प्रभावित कर्मचारियों को उचित देखभाल और सेवामुक्ति भत्ता दिया गया है। टीसीएस ने कहा कि हर व्यक्तिगत परिस्थिति में उचित प्रक्रिया का पालन किया गया। कंपनी ने कर्मचारी हितों का ध्यान रखने का दावा किया।
जून में आई थी छंटनी की खबर
इस साल जून में टीसीएस ने अपने वैश्विक कार्यबल में कटौती की घोषणा की थी। कंपनी ने लगभग 12,261 कर्मचारियों की छंटनी की बात कही थी। यह संख्या उनके कुल कार्यबल का लगभग दो प्रतिशत थी। इनमें से अधिकतर कर्मचारी मिड और सीनियर लेवल के थे।
उस समय कंपनी ने इसे व्यवसायिक जरूरतों के अनुसार एक सामान्य प्रक्रिया बताया था। टीसीएस ने कहा था कि यह संगठनात्मक पुनर्गठन का हिस्सा है। कंपनी ने प्रदर्शन मानकों और व्यावसायिक आवश्यकताओं के आधार पर यह फैसला लिया था।
मामला गर्माया हुआ है
पुणे में टीसीएस के कर्मचारी इस मामले को लेकर चिंतित हैं। कई कर्मचारी यूनियन के साथ मिलकर अपनी बात रख रहे हैं। वे चाहते हैं कि कंपनी पारदर्शी तरीके से काम करे। कर्मचारियों का कहना है कि बिना उचित प्रक्रिया के नौकरियां नहीं जानी चाहिए।
श्रम मंत्रालय ने इस मामले में गंभीरता दिखाई है। महाराष्ट्र सरकार ने भी संज्ञान लिया है। अब देखना है कि इस मामले में आगे क्या होता है। सभी की नजरें प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं।
