Delhi News: लोकसभा ने सोमवार को दो टैक्स बिल, आयकर (संख्या 2) विधेयक और कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, को बिना बहस के पारित किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये विधेयक पेश किए। बिहार में मतदाता सूची विवाद पर विपक्ष के हंगामे के बीच ध्वनिमत से बिल पास हुए।
आयकर विधेयक का उद्देश्य
आयकर (संख्या 2) विधेयक 2025, आयकर अधिनियम 1961 को समेकित और संशोधित करता है। प्रवर समिति की सिफारिशों को शामिल कर इसे दोबारा पेश किया गया। पुराना बिल वापस लिया गया था। नया मसौदा स्पष्टता और निष्पक्षता लाएगा। यह 1961 के कानून की जगह लेगा। अधिक जानकारी के लिए वित्त मंत्रालय की वेबसाइट देखें।
कराधान संशोधन विधेयक
कराधान कानून (संशोधन) विधेयक 2025, आयकर अधिनियम और वित्त अधिनियम 2025 में बदलाव करता है। यह एकीकृत पेंशन योजना को कर छूट देता है। सऊदी अरब के निवेश कोषों को प्रत्यक्ष कर लाभ भी मिलेगा। यह विधेयक 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगा।
प्रवर समिति की सिफारिशें
प्रवर समिति ने बिल में त्रुटियां सुधारने का सुझाव दिया। संपत्ति के वार्षिक मूल्य में “सामान्य क्रम में” शब्द हटाया गया। गृह संपत्ति की कटौती में स्पष्टता जोड़ी गई। पेंशन और व्यावसायिक संपत्तियों पर कर नियम संशोधित किए गए। ये बदलाव कानून को पारदर्शी बनाएंगे।
विपक्ष का विरोध
सपा नेता अखिलेश यादव ने बिना बहस के बिल पारित होने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार जल्दबाजी में फैसले ले रही है। शिक्षा और विदेश नीति पर भी उन्होंने आलोचना की। विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची को लेकर हंगामा किया, जिसके बीच बिल पास हुए।
बिल की पृष्ठभूमि
वित्त मंत्री ने बताया कि पुराना आयकर बिल वापस लिया गया, क्योंकि प्रवर समिति के सुझावों को शामिल करना जरूरी था। नए मसौदे में वाक्यांशों और संदर्भों में सुधार किया गया। यह कदम कर प्रणाली को आधुनिक और स्पष्ट बनाने के लिए उठाया गया।
संसद में हंगामा
लोकसभा में विपक्ष ने बिहार की मतदाता सूची में हेरफेर का मुद्दा उठाया। हंगामे के कारण स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन को दोपहर 2 बजे तक स्थगित किया। टैक्स बिल बिना चर्चा के पास हुए, जिससे विपक्ष ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
