Mumbai News: टाटा समूह की कंपनी टाटा कैपिटल का बहुप्रतीक्षित आईपीओ अक्टूबर के पहले पखवाड़े में आने की तैयारी में है। भारतीय रिजर्व बैंक ने सूचीबद्ध होने की समयसीमा बढ़ाई है। यह इश्यू 17000 करोड़ रुपये से अधिक का होगा। इसके साथ ही यह साल 2024 का अब तक का सबसे बड़ा पब्लिक इश्यू बन जाएगा।
इस आईपीओ के जरिए कंपनी 2 अरब डॉलर जुटाने की योजना बना रही है। कंपनी का लक्ष्य 18 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर पहुंचना है। दिलचस्प बात यह है कि अप्रैल में दाखिल दस्तावेजों में कंपनी का वैल्यूएशन 11 अरब डॉलर ही था। यह वृद्धि बाजार में बढ़ते विश्वास को दर्शाती है।
आरबीआई ने बढ़ाई समयसीमा
आरबीआई ने टाटा कैपिटल को मिली सूचीबद्ध होने की समयसीमा को बढ़ा दिया है। पहले कंपनी को 30 सितंबर तक शेयर बाजार में लिस्टिंग करनी थी। अब इसकी नई डेडलाइन 15 अक्टूबर तक है। इस एक्सटेंशन के बाद कंपनी अक्टूबर के पहले पखवाड़े में आईपीओ ला सकती है।
शेयर बाजार के इतिहास का चौथा सबसे बड़ा आईपीओ
17000 करोड़ रुपये के साथ टाटा कैपिटल का आईपीओ भारतीय शेयर बाजार के इतिहास का चौथा सबसे बड़ा पब्लिक इश्यू बनने जा रहा है। इससे पहले हुंडई मोटर इंडिया का 27870 करोड़, एलआईसी का 21000 करोड़ और पेटीएम का 18300 करोड़ रुपये का आईपीओ आ चुका है। हालांकि, लिस्टिंग के समय इन इश्यूज ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था।
टाटा टेक के आईपीओ से पांच गुना बड़ा
यह इश्यू टाटा समूह की नवंबर 2023 में लिस्ट हुई कंपनी टाटा टेक्नोलॉजीज के आईपीओ से पांच गुना बड़ा है। अगर यह सफल रहता है तो यह भारत के वित्तीय क्षेत्र का अब तक का सबसे बड़ा पब्लिक इश्यू बन जाएगा। यह टाटा समूह के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
कौन बेचेगा अपने शेयर?
इस आईपीओ में प्रमोटर कंपनी टाटा संस लगभग 23 करोड़ शेयर बेचेगी। वहीं, इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (आईएफसी) 3.58 करोड़ शेयरों की बिक्री करेगा। वर्तमान में टाटा कैपिटल में टाटा संस की 88.6 प्रतिशत हिस्सेदारी है। आईएफसी के पास कंपनी में 1.8 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
फंड्स के इस्तेमाल की योजना
आईपीओ से जुटाए गए फंड्स का इस्तेमाल टियर-1 पूंजी बढ़ाने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा इस पैसे से लोन ग्रोथ को भी बढ़ावा मिलेगा। टाटा कैपिटल एक नॉन-बैंकिंग वित्तीय कंपनी है। कंपनी की यह पहल उसके negबिजनेस के विस्तार की रणनीति का हिस्सा है।
