World News: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीद के लिए 50% टैरिफ लगाने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि इस कदम से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई है। ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में यह जानकारी दी।
ट्रंप ने बताया कि भारत रूस का सबसे बड़ा ग्राहक है। इसीलिए उन्होंने यह टैरिफ लगाया। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि ऐसा करना आसान नहीं था। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद पश्चिमी प्रतिबंध लगे हैं।
इस टैरिफ के कारण भारत में नाराजगी है। ट्रंप के व्यापार युद्ध ने अमेरिका और भारत के संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है। दोनों देशों के बीच वार्षिक व्यापार 190 अरब डॉलर से अधिक है।
व्यापार वार्ता पर असर
टैरिफ को लेकर बातचीत विफल हो गई है। भारत ने अपने कृषि और डेयरी क्षेत्रों को खोलने का विरोध किया। ट्रंप पहले ही भारतीय आयात पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगा चुके हैं। अब इसे बढ़ाकर 50% करने की योजना है।
यह कदम 27 अगस्त से प्रभावी होगा। अमेरिका का उद्देश्य यूक्रेन युद्ध को समाप्त करना है। भारत द्वारा रूसी तेल की बढ़ती खरीद पर अमेरिका नाराज है। इसी को दंडित करने के लिए टैरिफ लगाया जा रहा है।
समाधान के प्रयास
ट्रंप प्रशासन भारत के साथ व्यापार रुकावटों को दूर करने पर काम कर रहा है। ट्रंप ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे। यह घोषणा कूटनीतिक गतिरोध के बाद आई है।
अमेरिका में भारत के नए राजदूत सर्जियो गोर ने भी बातचीत की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह भारत के वाणिज्य मंत्री के दौरे पर प्रगति हो सकती है। गोर ने टैरिफ को छोटी रुकावट बताया।
भारत के प्रति रुख
गोर ने भारत के साथ रूस के संबंधों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने दोस्तों के लिए अलग मानदंड रखता है। गोर ने यह सुनिश्चित करने को अपनी प्राथमिकता बताया कि भारत अमेरिका के करीब रहे।
उन्होंने कहा कि ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी पर व्यक्तिगत हमला नहीं किया है। ट्रंप अन्य नेताओं के सामने अपनी शिकायतें रखने से नहीं हिचकिचाते। इसके बावजूद उन्होंने मोदी को निशाना नहीं बनाया।
रूस और पुतिन पर टिप्पणी
ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बारे में भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि पुतिन के साथ उनका धैर्य जवाब दे रहा है। हालांकि उन्होंने नए प्रतिबंधों की धमकी देने से परहेज किया।
ट्रंप ने पुतिन के साथ लंबे समय से अच्छे संबंधों की बात कही। लेकिन युद्ध समाप्त करने में उनकी विफलता पर निराशा जाहिर की। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को मजबूती से जवाब देना होगा।
उन्होंने टैरिफ और प्रतिबंधों को एक विकल्प बताया। लेकिन साथ ही कहा कि यूरोपीय देशों को भी इसमें भाग लेना होगा। बैंकों और तेल पर प्रतिबंध भी विचाराधीन हैं।
