Tamil Nadu News: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि प्रेस को लोकतंत्र को जीवित रखने वाली ताकत बने रहना चाहिए। रविवार को जारी अपने संदेश में स्टालिन ने पत्रकारों के साहसिक कार्य की सराहना की। यह political news राज्य और केंद्र सरकार के बीच तनाव को दर्शाती है।
स्टालिन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह उन पत्रकारों की सराहना करते हैं जो केंद्र सरकार के आगे नहीं झुकते। उन्होंने कहा कि पत्रकार सरकार की विफलताओं और भ्रष्टाचार को उजागर करने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का यह बयान राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर आया है। इस दिन को समाज में स्वतंत्र प्रेस की भूमिका के सम्मान में मनाया जाता है।
लोकतंत्र में प्रेस की भूमिका
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में सत्तासीन लोग संस्थाओं को झुका सकते हैं। वे संस्थाओं पर कब्जा भी कर सकते हैं। लेकिन प्रेस को लोकतंत्र को जीवित रखने वाली शक्ति बने रहना चाहिए। उन्होंने press freedom के महत्व पर जोर दिया। यह बयान वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में विशेष महत्व रखता है।
स्टालिन के अनुसार पत्रकारों का साहसिक कार्य लोकतंत्र की रक्षा में सहायक होता है। उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करने वाले पत्रकारों की प्रशंसा की। यह बयान राज्य और केंद्र सरकार के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के संघर्ष को स्वीकार किया।
प्रकाशनों की बढ़ती संख्या
पत्र सूचना कार्यालय के आंकड़े भारत में प्रेस के विकास को दर्शाते हैं। वर्ष 2004-05 में देश में पंजीकृत प्रकाशनों की संख्या 60,143 थी। यह संख्या वर्ष 2024-25 में बढ़कर 1.54 लाख हो गई है। इस आंकड़े से प्रिंट मीडिया के विस्तार का पता चलता है। यह वृद्धि डिजिटल युग में भी प्रिंट मीडिया की प्रासंगिकता को दर्शाती है।
प्रकाशनों की संख्या में हुई यह वृद्धि मीडिया उद्योग के स्वास्थ्य का संकेत देती है। यह आंकड़े भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में प्रकाशनों को दर्शाते हैं। regional media का विस्तार भी इन आंकड़ों में समाहित है। मीडिया का यह विस्तार लोकतंत्र के लिए सकारात्मक संकेत माना जा सकता है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस का महत्व
पत्र सूचना कार्यालय की विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रीय प्रेस दिवस समाज में स्वतंत्र प्रेस की भूमिका के सम्मान में मनाया जाता है। यह दिन भारत में प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारियों को रेखांकित करता है। प्रेस दिवस मनाने की परंपरा देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करती है। यह दिन पत्रकारों के योगदान को स्वीकार करने का अवसर प्रदान करता है।
विज्ञप्ति में प्रेस की आवश्यक भूमिका पर प्रकाश डाला गया। स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस लोकतंत्र का महत्वपूर्ण स्तंभ माना जाता है। यह दिन media industry के सभी हिस्सेदारों के लिए विशेष महत्व रखता है। पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने वाले लोग इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं।
