International News: तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। न्यूज18 को दिए इंटरव्यू में शाहीन ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को खत्म करना चाहता है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान रोज नई साजिशें रच रहा है। तालिबान किसी भी गुप्त ऑपरेशन को सफल नहीं होने देगा।
शाहीन ने कहा कि पाकिस्तान समाधान नहीं चाहता इसलिए बातचीत नहीं कर रहा। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के हमले रोकना पाकिस्तान की अपनी जिम्मेदारी है। अफगानिस्तान को इन मामलों में घसीटना गलत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि टीटीपी के हमले पाकिस्तान का आंतरिक मामला हैं।
गुप्त ऑपरेशन का आरोप
शाहीन ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में गुप्त ऑपरेशन चला रहा है। वह काबुल सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान सरकार बदलना चाहता है। इसके लिए हक्कानी और कंधारी गुटों का इस्तेमाल करना चाहता है। शाहीन ने इन कार्यों को गैरकानूनी बताया।
तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि इस्लामिक अमीरात की स्थापना के लिए लोगों ने दशकों संघर्ष किया। उन्होंने अपने प्राण न्योछावर किए। कोई इसे आसानी से हिला नहीं सकता। पाकिस्तान को बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए। दबाव डालने या मांगें थोपने से समाधान नहीं मिलेगा।
टीटीपी मामले पर स्पष्ट रुख
शाहीन ने टीटीपी के मामले में स्पष्ट रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान अपनी धरती का इस्तेमाल किसी के खिलाफ नहीं होने देगा। लेकिन पाकिस्तान के भीतर होने वाले हमले उसका आंतरिक मामला हैं। पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा उसकी अपनी जिम्मेदारी है।
उन्होंने पाकिस्तान से कहा कि अगर उनके पास सबूत हैं तो वे पेश करें। तालिबान यह भरोसा दिला सकता है कि अफगान धरती का दुरुपयोग नहीं होगा। लेकिन पाकिस्तान के अंदर की स्थिति पर तालिबान का नियंत्रण नहीं है। यह बात पाकिस्तान को समझनी चाहिए।
आईएसआई के आरोपों पर प्रतिक्रिया
अफगान खुफिया एजेंसी जीडीआई की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर शाहीन ने कहा कि उन्होंने ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं देखी। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि आईएसआई तालिबान कमांडरों को विद्रोह के लिए उकसा रही है। शाहीन ने कहा कि दोनों देशों को तनाव बढ़ाने वाले कदम नहीं उठाने चाहिए।
उन्होंने माना कि इस्लामिक अमीरात के सदस्यों के खिलाफ कमांडरों को भर्ती करना आसान नहीं है। तालिबान की एकजुटता मजबूत है। शाहीन ने कहा कि उन्होंने आईएसआई की साजिशों के प्रत्यक्ष सबूत नहीं देखे। हालांकि उन्होंने ऐसी बातें सुनने की बात जरूर कही।
बातचीत का आह्वान
शाहीन ने जोर देकर कहा कि टकराव या गुप्त अभियानों से स्थिति और बिगड़ेगी। मुद्दे का एकमात्र हल बातचीत है। पाकिस्तान को टीटीपी से बैठकर बातचीत करनी चाहिए। संघर्ष विराम पहला एजेंडा होना चाहिए। इससे समस्या सुलझाने का प्रभावी रास्ता खुलेगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि टकराव किसी के हित में नहीं है। पाकिस्तान को व्यावहारिक नतीजों पर ध्यान देना चाहिए। रचनात्मक समाधान निकालने चाहिए। गुप्त ऑपरेशन से हालात और बिगड़ेंगे। आज के हालात में सरकार को अस्थिर करना नामुमकिन है।
तालिबान प्रवक्ता के इस बयान से साफ जाहिर होता है कि तालिबान पाकिस्तान के दबाव में आने को तैयार नहीं है। अफगानिस्तान की मौजूदा सरकार खुद को स्वतंत्र सत्ता के रूप में पेश कर रही है। वह चाहती है कि पाकिस्तान सीमा पार के मामलों में दखल न दे।
