New Delhi News: क्या आप विदेश घूमने या नौकरी करने का प्लान बना रहे हैं? अगर हां, तो करेंसी का सवाल सबसे पहले मन में आता है। दुनिया में एक ऐसा देश भी है जहां Indian Rupee का जलवा है। हम बात कर रहे हैं दक्षिण कोरिया की। यहां भारतीय करेंसी की वैल्यू बहुत ज्यादा है। वाइस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का 1 रुपया वहां के 16 वॉन के बराबर है। यानी अगर आपकी जेब में 1 लाख रुपये हैं, तो वहां आप 16 लाख वॉन के मालिक होंगे।
Indian Rupee बनाम साउथ कोरियाई वॉन
भारत और दक्षिण कोरिया दोनों ही एशिया की मजबूत अर्थव्यवस्थाएं हैं। इसके बावजूद दोनों देशों की करेंसी की वैल्यू में बड़ा अंतर है। Indian Rupee वहां की मुद्रा ‘वॉन’ (KRW) के मुकाबले काफी भारी पड़ता है। यह भारतीय पर्यटकों के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है। विनिमय दर में यह अंतर भारतीयों को वहां ज्यादा खर्च करने की आजादी देता है। हालांकि, महंगाई दर और अन्य आर्थिक कारक भी वहां के खर्च को प्रभावित करते हैं।
कौन जारी करता है यह करेंसी?
दक्षिण कोरिया की आधिकारिक मुद्रा को ‘वॉन’ कहा जाता है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर KRW कोड से पहचाना जाता है। इस मुद्रा को वहां का केंद्रीय बैंक ‘बैंक ऑफ कोरिया’ जारी करता है। इसका मुख्यालय राजधानी सियोल में स्थित है। वहां Indian Rupee की तरह ही अलग-अलग मूल्य के नोट और सिक्के चलते हैं। बाजार में 1, 5, 10, 50, 100 और 500 वॉन के सिक्के मौजूद हैं। वहीं, नोटों की बात करें तो 1,000, 5,000, 10,000 और 50,000 वॉन के नोट प्रचलन में हैं।
इतिहास और लेन-देन का तरीका
दक्षिण कोरिया में आज इस्तेमाल होने वाला वॉन आधिकारिक रूप से 1962 में लागू हुआ था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जब कोरिया जापानी शासन से आजाद हुआ, तब पहली बार वॉन को अपनाया गया। वहां नकद लेन-देन के लिए छोटे खर्चों में सिक्कों का इस्तेमाल होता है। बड़े भुगतान आमतौर पर बैंक नोट्स से किए जाते हैं। हालांकि, आजकल वहां डिजिटल पेमेंट भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, लेकिन वॉन ही हर लेन-देन की आधार मुद्रा बनी हुई है।
