World News: सीरिया में पांच दशकों के तानाशाही शासन और लंबे गृहयुद्ध के बाद लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शुरुआत हो रही है। सरकारी समाचार एजेंसी साना ने पुष्टि की है कि पांच अक्टूबर को देश में नए प्रशासन के तहत पहले संसदीय चुनाव होंगे। ये चुनाव सीरिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होंगे।
असद परिवार के पांच दशक लंबे कठोर शासन के बाद दिसंबर में विद्रोहियों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटा दिया था। इसके बाद अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने देश की बागडोर संभाली थी। उन्होंने एक संक्रमणकालीन सरकार का गठन किया था।
चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत सुप्रीम इलेक्टोरल कमेटी द्वारा कर दी गई है। कमेटी ने उप-समितियों का गठन किया है जो चुनावी निकायों का चुनाव करेंगी। ये निकाय उम्मीदवारों के आवेदन स्वीकार करेंगे और प्रारंभिक सूची तैयार करेंगी।
नागरिकों को उम्मीदवारों पर आपत्ति दर्ज करने का अधिकार होगा। आपत्तियों की समीक्षा के बाद अंतिम उम्मीदवार सूची तैयार की जाएगी। चुनावी निकायों के सदस्य प्रत्यक्ष और गुप्त मतदान करेंगे।
मतगणना की जिम्मेदारी उप-समितियों के पास होगी। इसके बाद प्रारंभिक नतीजे घोषित किए जाएंगे। चुनाव के बाद कुल 210 सदस्यों की पीपल्स असेंबली का गठन होगा।
संसद के एक-तिहाई सदस्य राष्ट्रपति द्वारा सीधे नियुक्त किए जाएंगे। शेष सदस्य चुनावी प्रक्रिया के माध्यम से चुने जाएंगे। अंतिम परिणाम राष्ट्रपति के डिक्री द्वारा अधिसूचित किए जाएंगे।
इसके बाद नई संसद का पहला सत्र आयोजित किया जाएगा। यह परिवर्तन सीरिया के राजनीतिक इतिहास में एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है। देश में लोकतंत्र और स्थिरता की दिशा में यह पहला ठोस कदम है।
लंबे समय तक तानाशाही, विद्रोह और युद्ध झेल चुके सीरिया में नई उम्मीद जगी है। अपेक्षा की जा रही है कि राजनीतिक ढांचा स्थिर होगा। नागरिकों को नई सरकार में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का अवसर मिलेगा।
