Health News: बवासीर के लक्षण जैसे दर्द, सूजन और रक्तस्राव कई लोगों के लिए परेशानी का कारण बनते हैं। अनियमित खानपान और गतिहीन जीवनशैली से कब्ज बढ़ता है, जो बवासीर का मुख्य कारण है। योग गुरु बाबा रामदेव ने आयुर्वेदिक नुस्खों के जरिए बवासीर का इलाज बताया है। उनके ये देसी उपाय पाचन को बेहतर करते हैं और सूजन कम करते हैं। इन उपायों से बिना सर्जरी राहत संभव है।
बवासीर के लक्षण और कारण
बवासीर दो प्रकार की होती है: खूनी और बादी। खूनी बवासीर में रक्तस्राव होता है, लेकिन दर्द कम होता है। बादी बवासीर में सूजन और दर्द ज्यादा होता है। मल त्याग के दौरान जलन, गुदा में खुजली, मस्से और उठने-बैठने में दिक्कत इसके लक्षण हैं। कब्ज, कम फाइबर वाला आहार, लंबे समय तक बैठना और पानी की कमी इसके कारण हैं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इन लक्षणों को कम किया जा सकता है।
दूध और नींबू का मिश्रण
बाबा रामदेव सुझाते हैं कि सुबह खाली पेट एक कप गुनगुने गाय के दूध में एक नींबू निचोड़कर पिएं। यह मिश्रण पाचन को बेहतर करता है। नींबू में मौजूद विटामिन C सूजन और जलन को कम करता है। भैंस का दूध या फ्रिज का ठंडा दूध इस्तेमाल न करें। 3-7 दिनों तक इस उपाय को आजमाएं। यह खूनी और बादी बवासीर दोनों में राहत देता है।
केला और देसी कपूर का उपाय
एक पके केले में चने के आकार का देसी कपूर डालें। इसे सुबह खाली पेट बिना चबाए निगल लें। 3 दिन तक इस उपाय को करें। कपूर के एंटी-बैक्टीरियल गुण गुदा की सूजन और जलन को कम करते हैं। केला फाइबर प्रदान करता है, जो कब्ज से राहत देता है। बाबा रामदेव का दावा है कि यह नुस्खा बवासीर को जल्दी ठीक करता है।
नागदोन के पत्तों का सेवन
नागदोन के 3-5 पत्ते सुबह खाली पेट चबाएं। 3-7 दिनों तक इसका सेवन करें। इन पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और फाइबर गुण होते हैं। ये पाचन को सुधारते हैं और मस्सों की सूजन कम करते हैं। बाबा रामदेव के अनुसार, यह उपाय पहले दिन से रक्तस्राव रोक सकता है। एक सप्ताह में यह बवासीर के लक्षणों से पूरी राहत देता है।
त्रिफला और अंजीर का उपयोग
रात को एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें। यह 40-45 दिनों तक करें। त्रिफला कब्ज दूर करता है और आंतों को मजबूत करता है। इसके अलावा, 2-3 सूखे अंजीर रातभर पानी में भिगोकर सुबह और शाम खाएं। अंजीर का फाइबर मल को नरम करता है। इससे मल त्याग आसान होता है और बवासीर का दर्द कम होता है।
