Delhi News: दिल्ली की राजधानी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। श्री श्रृंगेरी मठ के अंतर्गत चलने वाले शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के प्रबंधक स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि वह संस्थान की छात्राओं को परेशान करते थे और अश्लील बातें करते थे। इसी तरह का एक मामला 2009 में भी उनके खिलाफ दर्ज किया जा चुका है।
पुलिस ने संस्थान के प्रशासक पीए मुरली की शिकायत पर मामला दर्ज किया है। शिकायत एक कानून की पूर्व छात्रा ने दी है जो वर्तमान में संस्थान में मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही है। उसने बताया कि आरोपी छात्राओं को फेल करने या नंबर कम करने की धमकी देता था। इसके बाद वह उनके साथ अनुचित व्यवहार करता था और अश्लील संदेश भेजता था।
छात्राओं ने पुलिस को बताया कि चैतन्यानंद उन्हें जबरदस्ती छूने की कोशिश करता था। विरोध करने पर वह शारीरिक संपर्क बनाने की कोशिश करता। ज्यादातर पीड़ित छात्राएं मध्यमवर्गीय परिवारों से हैं। उन पर दबाव बनाकर उनकी आवाज दबाने की कोशिश की गई।
पुलिस जांच में सामने आए पुराने मामले
पुलिस जांच में पता चला है कि पार्थ सारथी के खिलाफ पहले भी शिकायतें दर्ज हैं। दक्षिण दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी थाने में 2009 और 2016 में भी यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज किए गए थे। नए मामले में संस्थान के कुछ फैकल्टी सदस्यों और प्रशासनिक अधिकारियों पर भी आरोप लगे हैं। आरोप है कि ये लोग आरोपी की गलत हरकतों में उसकी मदद करते थे।
गिरफ्तारी में क्यों हो रही है देरी?
एक बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि दो महीने की जांच के बाद भी पुलिस आरोपी को गिरफ्तार क्यों नहीं कर पाई है। पुलिस ने आरोपी की लोकेशन आगरा, यूपी में बताई है, लेकिन अभी तक उसे हिरासत में नहीं लिया गया है। इस देरी पर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। लोग जानना चाहते हैं कि क्या आरोपी के पद और प्रभाव के कारण पुलिस ढीली पड़ रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी तक किसी भी छात्रा ने दुष्कर्म की शिकायत नहीं दी है। सभी पीड़ितों ने छेड़छाड़ और अश्लील बातें करने की शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि, पुलिस मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रही है। वह यह भी देख रही है कि कहीं इस मामले के पीछे कोई और विवाद तो नहीं है।
कैसे काम करता था आरोपी का नेटवर्क?
शिकायत के अनुसार, संस्थान की तीन वार्डन पीड़ित छात्राओं को आरोपी के पास ले जाती थीं। इसके बाद चैतन्यानंद उन्हें विभिन्न तरीकों से परेशान करता था। वह अपनी ताकत और हैसियत का इस्तेमाल छात्राओं को डराने-धमकाने के लिए करता था। छात्राओं का कहना है कि उन्हें लगातार धमकियां मिलती थीं जिससे वह भयभीत रहती थीं।
मामला तब सामने आया जब एक छात्रा ने हिम्मत दिखाते हुए शिकायत दर्ज कराई। अगर यह छात्रा आगे नहीं आती तो शायद यह मामला दबा दिया जाता। इस घटना ने शैक्षणिक संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। संस्थानों में ऐसे मामलों से निपटने के लिए बने दिशा-निर्देशों पर सख्ती से अमल की जरूरत है।
पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू की है। आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए सबूत एकत्र किए जा रहे हैं। पीड़ित छात्राओं के बयान दर्ज किए गए हैं और संबंधित दस्तावेजों की जांच की जा रही है। आशा की जा रही है कि जल्द ही इस मामले में कार्रवाई होगी और न्याय मिलेगा।
