Delhi News: दिल्ली में एक संदिग्ध बाबा के रूप में पहचाने जाने वाले स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर गंभीर आरोप लगे हैं। शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के पूर्व निदेशक के खिलाफ महिला छात्राओं को परेशान करने और मानव तस्करी का प्रयास करने के मामले सामने आए हैं। पुलिस की फोरेंसिक जांच में उनके व्हाट्सएप चैट से ये सबूत मिले हैं जो अब सार्वजनिक हो गए हैं।
इन चैट संवादों में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती द्वारा छात्राओं को ‘बेबी डॉल’ और ‘स्वीटी बेबी’ जैसे अभद्र संबोधनों से संबोधित करने के प्रमाण मिले हैं। एक चैट में वह एक छात्रा से पूछते हैं कि क्या उसकी ‘ड्यूटी’ पूरी हो गई है। इस पर छात्रा का जवाब था कि वह अपनी शिफ्ट के लिए निकल रही है। यह बातचीत उनके अजीब व्यवहार को दर्शाती है।
एक अन्य वार्तालाप में उन्होंने एक छात्रा को संदेश भेजकर पूछा कि क्या वह उनके साथ नहीं सोएगी। जब छात्रा ने इसका जवाब नहीं दिया तो उन्होंने लगातार कई संदेश भेजकर उस पर दबाव डालने की कोशिश की। यह घटना उनकी गंदी मानसिकता को उजागर करती है और बताती है कि कैसे वह अपने पद का दुरुपयोग कर रहे थे।
सबसे गंभीर आरोप दुबई के एक शेख को लड़की सप्लाई करने का प्रयास करने का है। चैट में वह एक छात्रा से पूछते हैं कि क्या उसकी कोई सहपाठी या जूनियर सेक्स पार्टनर के रूप में काम कर सकती है। जब छात्रा ने मना किया तो उन्होंने जोर देना जारी रखा। इससे मानव तस्करी के उनके प्रयासों का पता चलता है।
पुलिस जांच में पाया गया कि उन्होंने कई एयर होस्टेस के साथ ली गई तस्वीरें और छात्राओं के डीपी के स्क्रीनशॉट अपने फोन में सहेज रखे थे। कुल बत्तीस महिला छात्राओं में से सत्रह ने उन पर अभद्र भाषा और अवांछित शारीरिक संपर्क का आरोप लगाया है। यह मामला संस्थानों में सत्ता के दुरुपयोग का चरम उदाहरण प्रस्तुत करता है।
आरोप है कि वह ईडब्ल्यूएस छात्रवृत्ति पर पढ़ रही छात्राओं को व्यवस्थित रूप से ब्लैकमेल करते थे। उनके पास एक प्रबंधन संस्थान के निदेशक का पद था जिसका उन्होंने दुरुपयोग किया। यह मामला शिक्षण संस्थानों में महिला सुरक्षा के मुद्दे को फिर से उजागर करता है और संस्थागत सत्ता के दुरुपयोग की ओर इशारा करता है।
इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर समाज में ऊंचे पदों पर बैठे लोगों की वास्तविक मानसिकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती का यह मामला नैतिक पतन और अपराधिक मानसिकता का चरम उदाहरण बन गया है। अब न्यायिक प्रक्रिया के तहत इसकी जांच जारी है।
