New Delhi News: सुप्रीम कोर्ट में शीतकालीन अवकाश के कारण 17 दिनों तक नियमित कामकाज बंद रहेगा। चीफ जस्टिस (CJI) सूर्यकांत ने छुट्टियों से पहले सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि केवल ‘अर्जेंट’ बताकर किसी भी मामले की तत्काल सुनवाई नहीं होगी। कोर्ट में अब 4 जनवरी तक विंटर वेकेशन रहेंगी। नियमित सुनवाई 5 जनवरी 2026 से दोबारा शुरू होगी। सीजेआई ने स्पष्ट किया कि छुट्टियों में सिर्फ अपवाद वाले मामलों को ही सुना जाएगा।
तत्काल सुनवाई पर CJI की दो टूक
सीजेआई ने वकीलों को स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि केवल जल्द सुनवाई की इच्छा को ‘अर्जेंसी’ नहीं माना जा सकता। सुप्रीम कोर्ट छुट्टियों के दौरान सिर्फ उन मामलों को सुनेगा जिनमें जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता का खतरा हो। इसके अलावा बेहद गंभीर कानूनी अधिकारों से जुड़े मामलों को ही तत्काल लिस्टिंग मिलेगी। सामान्य मामलों को अर्जेंट बताकर सुनवाई की मांग अब स्वीकार नहीं की जाएगी।
भीड़ और दबाव पर लगाम
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न्यायिक अनुशासन के लिए अहम है। सीजेआई का मानना है कि अगर हर मामले को अर्जेंट मान लिया जाए, तो पूरी न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित होगी। जजों के लिए सही फैसला देना मुश्किल हो जाएगा। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अर्जेंट मामलों की आड़ में बढ़ने वाली भीड़ को रोकना जरूरी है। वकीलों को अब सुनवाई के लिए ठोस आधार और सबूत देने होंगे।
5 जनवरी से शुरू होगा काम
सुप्रीम कोर्ट में इस बार कुल 17 दिनों की छुट्टियां हैं। यह अवकाश 21 दिसंबर से शुरू होकर 4 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान कोर्ट की नियमित बेंच नहीं बैठेंगी। कई वकीलों ने लंबी छुट्टियों का हवाला देकर अपने मामलों की तुरंत लिस्टिंग की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने नियमों का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया है। अब सभी नियमित मामलों की सुनवाई 5 जनवरी से ही होगी।
