शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

सुप्रीम कोर्ट: आधार कार्ड ही क्यों? बाकी दस्तावेज भी हो सकते है जाली; बिहार SIR पर अदालत का बड़ा आदेश

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New Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए मान्य दस्तावेज बनाए रखने का आदेश जारी किया है। अदालत ने अपने पिछले आदेश में बदलाव की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमलाया बागची की पीठ ने यह फैसला सुनाया।

पीठ ने स्पष्ट किया कि आठ सितंबर का आदेश अंतरिम है। आधार की वैधता का मुद्दा अभी विशेष गहन संशोधन से जुड़े मामले में तय होना बाकी है। अदालत ने कहा कि अन्य दस्तावेजों की तरह आधार भी जाली हो सकता है।

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याचिकाकर्ता की दलीलें

बीजेपी नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने आदेश में संशोधन की मांग की थी। उनका कहना था कि आधार को नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जा सकता। इसे चुनाव आयोग द्वारा मान्य अन्य दस्तावेजों के समकक्ष नहीं रखा जाना चाहिए।

अदालत का तर्क

पीठ नेजवाब दिया कि ड्राइविंग लाइसेंस और राशन कार्ड भी जाली हो सकते हैं। कई दस्तावेज नकली हो सकते हैं। आधार का उपयोग कानूनी अनुमति के दायरे में होगा। अदालत ने यह मामला खुला रखा है।

बिहार एसआईआर मामला

अदालत बिहार के विशेष गहन संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। एक अगस्त की मसौदा मतदाता सूची से 65 लाख नाम हटाए गए थे। चुनाव आयोग को इन नामों की सूची अपलोड करने का निर्देश दिया गया था।

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चुनाव आयोग की स्थिति

चुनाव आयोग ने पहले कहा था कि वह ग्यारह अन्य पहचान दस्तावेजों को ही स्वीकार करेगा। अदालत ने अगस्त में कहा था कि मसौदा सूची से हटाए गए लोग आधार का उपयोग कर सकते हैं। यह आदेश अंतरिम रूप से जारी रहेगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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