National News: सुप्रीम कोर्ट ने टोल टैक्स को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि अधूरी या खराब सड़कों पर टोल टैक्स वसूलना अवैध है। यात्रियों को ऐसे हाईवे पर टैक्स देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। यह फैसला केरल के पलियेक्कारा प्लाजा टोल प्लाजा मामले में आया है।
केरल हाईकोर्ट के फैसले को मिला समर्थन
सुप्रीम कोर्ट ने त्रिशूर में टोल वसूली रोकने के केरल हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने NHAI की अपील खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि नागरिकों के कल्याण को टोल राजस्व से ऊपर रखा जाना चाहिए।
अदालत ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि टोल टैक्स का भुगतान सड़क की अच्छी हालत पर निर्भर करता है। अदालत ने कहा, “नागरिकों को गड्ढों भरी सड़कों पर चलने के लिए अतिरिक्त टैक्स नहीं देना चाहिए।” यह बयान सड़कों की खराब स्थिति पर एक स्पष्ट टिप्पणी है।
NHAI के तर्कों को खारिज किया
NHAI ने दावा किया था कि यातायात जाम सिर्फ कुछ ब्लैक स्पॉट्स तक सीमित है। लेकिन अदालत ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया। पीठ ने कहा कि 65 किमी के हिस्से में सिर्फ 5 किमी की रुकावट भी पूरे ट्रैफिक को प्रभावित करती है।
वित्तीय नुकसान से ऊपर नागरिक हित
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने टोल राजस्व के महत्व पर जोर दिया था। उन्होंने बताया कि टोल रोकने से 49 लाख रुपये का दैनिक नुकसान होगा। लेकिन अदालत ने इसे नागरिकों की परेशानी के आगे छोटा बताया।
केस की पृष्ठभूमि क्या है?
केरल हाईकोर्ट ने 6 अगस्त को टोल वसूली पर रोक लगाई थी। अदालत ने कहा था कि खराब सड़कें जनता के अधिकारों का उल्लंघन हैं। NHAI ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिसे अब खारिज कर दिया गया है।
आगे की कार्यवाही
इस फैसले के बाद अब NHAI को सड़कों की स्थिति सुधारनी होगी। टोल टैक्स वसूलने से पहले सड़कों को पूरी तरह से योग्य बनाना होगा। यह फैसला देश भर के अन्य टोल प्लाजा के लिए एक मिसाल कायम करता है।
