New Delhi News: भारत को आज अपना नया मुख्य न्यायाधीश (CJI) मिल गया है। राष्ट्रपति ने जस्टिस सूर्यकांत को देश का 53वां सीजेआई नियुक्त किया है। उन्होंने पूर्व सीजेआई बीआर गवई का स्थान लिया है। जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल 14 महीने का होगा। सुप्रीम कोर्ट के नए प्रमुख के सामने कई बड़े संवैधानिक सवाल खड़े हैं। ये मामले आने वाले समय में न्यायपालिका की दिशा तय करेंगे।
SIR और वक्फ एक्ट पर सबकी नजर
देश में इस समय ‘SIR प्रक्रिया’ को लेकर काफी हलचल है। कई राज्यों में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यह मामला अब शीर्ष अदालत तक पहुंच चुका है। नए सीजेआई के लिए यह पहली बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा वक्फ एक्ट से जुड़ा विवाद भी अदालत की दहलीज पर है। इसका फैसला आने वाले वर्षों की सामाजिक बहस को प्रभावित करेगा।
प्रदूषण और तलाक-ए-हसन पर सुनवाई
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। अदालत इस मुद्दे पर पहले भी सख्त रुख अपना चुकी है। अब इस मामले में जनता की निगाहें नए सीजेआई पर टिकी हैं। वहीं, तलाक-ए-हसन मामले की सुनवाई भी अहम दौर में है। इसमें तीन महीने में तीन बार तलाक बोलने की प्रथा को चुनौती दी गई है। यह फैसला करोड़ों लोगों के जीवन पर सीधा असर डालेगा।
ऐतिहासिक फैसलों का रहे हैं हिस्सा
जस्टिस सूर्यकांत ने कई बड़े फैसलों में अहम भूमिका निभाई है। आर्टिकल 370 की वैधता बरकरार रखने वाली बेंच में वे शामिल थे। पेगासस जासूसी मामले में भी उन्होंने जांच समिति बनाने का निर्देश दिया था। उन्होंने साफ कहा था कि सुरक्षा के नाम पर सरकार को असीमित अधिकार नहीं मिल सकते। बिहार SIR मामले में भी उनकी बेंच ने पारदर्शिता बनाए रखने का आदेश दिया था।
हिसार से शुरू किया सफर
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार में हुआ था। उन्होंने 1984 में वकालत शुरू की थी। वे महज 38 साल की उम्र में हरियाणा के एडवोकेट जनरल बन गए थे। साल 2018 में उन्होंने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का पद संभाला। इसके बाद 2019 में वे सुप्रीम कोर्ट में जज बने। उन्होंने अपने करियर में 300 से ज्यादा अहम फैसले सुनाए हैं।
