शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

सुप्रीम कोर्ट: वक्फ संशोधन कानून के प्रावधानों पर रोक, कांग्रेस ने फैसले का किया स्वागत

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New Delhi News: सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ संशोधन अधिनियम के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई है। अदालत ने पांच साल तक मुस्लिम होने की शर्त वाले प्रावधान को निलंबित किया है। कलेक्टरों की शक्तियों पर भी अंतरिम रोक लगाई गई है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला संसदीय समिति में दर्ज असहमति नोटों की जीत है। उन्होंने इस फैसले को संवैधानिक मूल्यों की जीत बताया।

न्यायालय के महत्वपूर्ण निर्देश

सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या सीमित की है। राज्य वक्फ बोर्डों में तीन से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे। केंद्रीय वक्फ बोर्ड में चार से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्यों की अनुमति नहीं होगी।

अदालत ने कलेक्टरों को संपत्ति विवाद तय करने के अधिकार पर रोक लगाई। यह फैसला शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत के आधार पर लिया गया। न्यायालय ने कहा कि कार्यपालिका को न्यायिक शक्तियां नहीं मिलनी चाहिए।

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राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

जयराम रमेश ने कहा कि यह फैसला मनमाने कानून का विरोध करने वालों की जीत है। उन्होंने कहा कि संसदीय समिति की सिफारिशों को नजरअंदाज किया गया था। अब न्यायालय के फैसले ने उनकी बातों को सही साबित किया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह कानून धार्मिक विवाद पैदा करने के लिए बनाया गया था। उन्होंने कहा कि फैसला न्याय, समानता और बंधुत्व के मूल्यों की रक्षा करता है। विपक्षी दलों ने इस फैसले का स्वागत किया है।

मुख्य बिंदु और प्रभाव

न्यायालय ने पांच साल तक मुस्लिम होने की शर्त वाले प्रावधान को निलंबित किया। यह प्रावधान तब तक लागू नहीं होगा जब तक संबंधित नियम नहीं बन जाते। मौजूदा वक्फ संपत्तियों को चुनौतियों से बचाने का प्रावधान किया गया।

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यह फैसला वक्फ संशोधन कानून पर चल रहे विवाद को संबोधित करता है। कई मुस्लिम संगठनों और राजनीतिक दलों ने इस कानून का विरोध किया था। न्यायालय ने पूरे कानून को रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया।

भविष्य की दिशा

न्यायालय ने कानून के केवल कुछ प्रावधानों पर ही रोक लगाई है। शेष कानून लागू रहेगा और इसकी संवैधानिकता की जांच जारी रहेगी। मामले की अगली सुनवाई का इंतजार किया जा रहा है।

यह फैसला धार्मिक संपत्तियों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। न्यायालय ने संवैधानिक मूल्यों और न्यायिक सिद्धांतों को प्राथमिकता दी है। इससे भविष्य में ऐसे कानूनों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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