New Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इंडिगो एयरलाइंस से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया। यह याचिका इंडिगो की उड़ानों के अचानक रद्द होने के खिलाफ दायर की गई थी। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता नरेंद्र मिश्रा को दिल्ली हाईकोर्ट जाने की सलाह दी है। कोर्ट ने कहा कि पीड़ित यात्री अपनी शिकायतें लेकर उचित मंच पर जाएं।
हाईकोर्ट पहले से कर रहा है सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल देने से साफ इनकार किया। कोर्ट ने तर्क दिया कि दिल्ली हाईकोर्ट पहले से ही ऐसे एक मामले की सुनवाई कर रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर को केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर जवाब मांगा था। कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि इंडिगो की फ्लाइट्स क्यों कैंसिल हो रही हैं। यह मामला यात्रियों को रिफंड दिलाने और उनकी मदद करने से जुड़ा है।
सीजेआई ने दी हाईकोर्ट जाने की सलाह
प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर विचार किया। पीठ में न्यायमूर्ति जायमाल्या बागची और न्यायमूर्ति विपुल एम पंचोली भी शामिल थे। जजों ने कहा कि जब हाईकोर्ट मामले को देख रहा है, तो सुप्रीम कोर्ट का दखल देना सही नहीं है। उन्होंने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर हाईकोर्ट में उनकी समस्या हल नहीं होती, तब वे यहां आ सकते हैं।
DGCA ने बनाई जांच कमेटी
इंडिगो की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने बताया कि डीजीसीए ने उड़ानों के रद्द होने की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि यह आम जनता के लिए गंभीर मुद्दा है। लेकिन प्रक्रिया का पालन करते हुए याचिकाकर्ता को अपनी दलीलें दिल्ली हाईकोर्ट में ही रखनी चाहिए।
