शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

सुप्रीम कोर्ट: मैसूर दशहरा उद्घाटन पर याचिका खारिज, बानू मुश्ताक के सम्मान को मिली हरी झंडी

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India News: सुप्रीम कोर्ट ने मैसूर दशहरा समारोह के उद्घाटन को लेकर दाखिल याचिका खारिज कर दी है। याचिका में पुलित्जर पुरस्कार विजेता लेखिका बानू मुश्ताक के उद्घाटन करने का विरोध किया गया था। कोर्ट ने इसे सरकारी कार्यक्रम बताया और धर्मनिरपेक्षता का हवाला दिया।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने स्पष्ट किया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। सरकार धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं कर सकती। कोर्ट ने 2017 में कवि निसार अहमद द्वारा कार्यक्रम के उद्घाटन का उदाहरण भी दिया।

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याचिकाकर्ता एच एस गौरव ने दावा किया था कि यह परंपरागत धार्मिक अनुष्ठान में दखल है। उन्होंने इसे धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन बताया था। पर कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया।

याचिकाकर्ता के वकील ने सुझाव दिया था कि रिबन कटिंग समारोह तो ठीक है। पर मंदिर के भीतर धार्मिक अनुष्ठान में गैर-हिंदू को प्रमुखता देना उचित नहीं है। लेकिन पीठ ने कोई आदेश जारी करने से इनकार कर दिया।

इससे पहले कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता के किसी अधिकार का हनन नहीं हो रहा है। दोनों अदालतों ने सरकार के फैसले को बरकरार रखा है।

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बानू मुश्ताक एक प्रतिष्ठित लेखिका हैं। उन्हें पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। सरकार ने उन्हें एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व के रूप में आमंत्रित किया है। अदालत ने इस चयन को उचित ठहराया है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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