India News: सुप्रीम कोर्ट आज जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका पर सुनवाई करेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज ने दिल्ली में उनके आवास पर आग के बाद मिले जले नोटों की जांच को चुनौती दी है। याचिका में पूर्व सीजेआई संजीव खन्ना की महाभियोग सिफारिश को भी गलत ठहराया गया है। जस्टिस दीपांकर दत्ता और ए.जी. माशी की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।
जांच समिति की प्रक्रिया पर सवाल
जस्टिस वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में जांच समिति की प्रक्रिया को असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि समिति ने उन्हें बचाव का मौका नहीं दिया। समिति ने 55 गवाहों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि उनके आवास पर नकदी थी। वर्मा ने इसे साजिश करार दिया और सीसीटीवी फुटेज की अनदेखी का आरोप लगाया।
नकदी विवाद की शुरुआत
14-15 मार्च की रात जस्टिस वर्मा के दिल्ली आवास में आग लगी। दमकलकर्मियों ने जले हुए नोटों की बोरियां बरामद कीं। जांच समिति ने इसे गंभीर माना और महाभियोग की सिफारिश की। जस्टिस वर्मा ने नकदी से इनकार किया और कहा कि यह उनके परिवार की नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला संवैधानिक सवाल उठा रहा है।
संसद में महाभियोग की चर्चा
पूर्व सीजेआआई ने मई में सरकार को महाभियोग की सिफारिश भेजी थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दिल्ली पुलिस ने घटना की जानकारी दी थी। संसद के मानसून सत्र में जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में जांच की वैधता और प्रक्रिया पर फैसला होगा। सभी पक्षों की राय ली जा रही है।
