शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

सुप्रीम कोर्ट: शिमला के चर्चित युग हत्याकांड में नया मोड़, पिता की याचिका हुई मंजूर

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Shimla News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के दिल दहला देने वाले युग हत्याकांड में बड़ी खबर सामने आई है। पीड़ित पिता विनोद गुप्ता ने हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। देश की शीर्ष अदालत ने उनकी विशेष अनुमति याचिका (SLP) को स्वीकार कर लिया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में एक दोषी को बरी कर दिया था, जबकि दो अन्य की फांसी की सजा को कम कर दिया था। अब इस संवेदनशील मामले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।

हाईकोर्ट के फैसले से नाखुश है परिवार

हिमाचल हाईकोर्ट ने 23 सितंबर को निचली अदालत का फैसला पलट दिया था। कोर्ट ने सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए आरोपी तेजिंद्र पाल को बरी कर दिया। इसके अलावा, दोषी चंद्र शर्मा और विक्रांत बख्शी की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। युग के पिता विनोद गुप्ता ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जिस आरोपी की भूमिका सबसे अहम थी, कोर्ट ने उसे ही छोड़ दिया। इसी के चलते उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

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पानी के टैंक में मिली थी मासूम की लाश

यह पूरा मामला बेहद खौफनाक है। शिमला के राम बाजार से 14 जून 2014 को 4 साल के युग गुप्ता का अपहरण हुआ था। सीआईडी की जांच के मुताबिक, आरोपी उसे राम चंद्रा चौक स्थित एक कमरे में ले गए थे। वहां मासूम बच्चे को एक हफ्ते तक भारी यातनाएं दी गईं। दरिंदगी की हद पार करते हुए आरोपियों ने उसे भराड़ी के पानी के टैंक में जिंदा फेंक दिया था। घटना के दो साल बाद, 22 अगस्त 2016 को पुलिस ने टैंक से युग का कंकाल बरामद किया था।

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जिला अदालत ने सुनाई थी मौत की सजा

सीआईडी ने कड़ी मशक्कत के बाद इस केस को सुलझाया था। विक्रांत बख्शी की निशानदेही पर ही पुलिस को सबूत मिले थे। इसके बाद चंद्र शर्मा और तेजिंद्र पाल को गिरफ्तार किया गया। जांच एजेंसी ने 25 अक्टूबर 2016 को चार्जशीट दाखिल की। ट्रायल के दौरान 100 से अधिक गवाहों ने बयान दिए। जिला अदालत ने 5 सितंबर 2018 को तीनों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने इस सजा को बदल दिया था। अब पीड़ित परिवार को सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की उम्मीद है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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