शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

सुप्रीम कोर्ट: हिमाचल के सेब किसानों को बड़ी राहत, बागों को हटाने के हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

Share

Himachal News: सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के लाखों सेब उत्पादकों को बड़ी खुशखबरी दी है। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें वन भूमि से सेब के बाग हटाने को कहा गया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को भूमिहीन लोगों की मदद के लिए केंद्र के पास एक प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है। यह फैसला राज्य के हजारों परिवारों के लिए राहत लेकर आया है।

नीतिगत मामलों में दखल नहीं

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की पीठ ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने आदेश पारित करने में गलती की है। इसका असर समाज के गरीब और भूमिहीन लोगों पर पड़ता। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह मुद्दा नीतिगत दायरे में आता है। हाईकोर्ट को फलदार पेड़ों की कटाई सुनिश्चित करने वाला आदेश नहीं देना चाहिए था। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि अतिक्रमण के खिलाफ राज्य सरकार नियम अनुसार कार्रवाई कर सकती है।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल रोड एक्सीडेंट: मटौर-शिमला फोरलेन पर निजी बस पर गिरा भूस्खलन का मलबा, यात्रियों में मची खलबली

कल्याणकारी राज्य की भूमिका

अदालत ने राज्य सरकार को एक कल्याणकारी राज्य की तरह काम करने की सलाह दी। सरकार को एक प्रस्ताव तैयार करके केंद्र सरकार के सामने रखना होगा। इसमें आवश्यक अनुपालन का ध्यान रखा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार, पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र सिंह पंवार और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। इन याचिकाओं में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।

क्या था हाईकोर्ट का आदेश?

हाईकोर्ट ने 2 जुलाई को वन विभाग को सख्त निर्देश दिए थे। आदेश में अतिक्रमित भूमि से सेब के बाग हटाने और वहां जंगली पेड़ लगाने को कहा गया था। इसके अलावा, अतिक्रमणकारियों से इस काम का खर्चा भी वसूलने का आदेश था। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही 28 जुलाई को इस आदेश पर रोक लगा दी थी। अब इसे पूरी तरह रद्द कर दिया गया है।

यह भी पढ़ें:  रक्षाबंधन 2025: क्या बहनें पीरियड्स में भाई को बांध सकती हैं राखी? जानें नियम और शुभ मुहूर्त

किसानों की दलील

याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट के आदेश को मनमाना बताया था। उनका कहना था कि सेब के बाग केवल अतिक्रमण नहीं हैं। ये मिट्टी के कटाव को रोकते हैं और वन्यजीवों को आवास देते हैं। सेब उत्पादन हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। हजारों किसानों की आजीविका इसी पर निर्भर है। इसे हटाने से राज्य को बड़ा आर्थिक और पर्यावरणीय नुकसान होता।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News