Shahjahanpur News: दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहे आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने उसकी जमानत रद करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। इसका सीधा मतलब है कि आसाराम फिलहाल जेल से बाहर ही रहेगा। कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट को आधार मानते हुए यह फैसला सुनाया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जोधपुर हाईकोर्ट को सख्त आदेश दिया है कि इस केस की सुनवाई तीन महीने के भीतर पूरी की जाए।
पीड़िता के पिता की दलीलें खारिज
पीड़िता के पिता ने आसाराम की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि आसाराम अब पूरी तरह स्वस्थ है।
- उनका तर्क था कि उसे वापस जेल भेजा जाना चाहिए।
- अगर वह बीमार है, तो उसका इलाज जेल में ही अन्य कैदियों की तरह हो।
- उन्होंने आसाराम के गुर्गों से धमकी मिलने का भी आरोप लगाया था।
लेकिन अदालत ने सोमवार को इन दलीलों को नामंजूर करते हुए मौजूदा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
क्या है पूरा मामला?
यह हाई-प्रोफाइल मामला साल 2013 का है। शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की ने आसाराम पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। उसने दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप था कि जोधपुर आश्रम में उसके साथ गलत काम किया गया। पुलिस ने आसाराम को गिरफ्तार किया और 2018 में उसे उम्रकैद की सजा हुई। खराब सेहत के चलते उसे कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
तीन महीने में निपटाना होगा केस
सुप्रीम कोर्ट ने न्याय में देरी को लेकर चिंता जताई है। अदालत ने जोधपुर हाईकोर्ट को निर्देश दिया है कि इस मामले से जुड़े सभी ट्रायल तीन महीने में पूरे हों। पीड़िता के पिता ने बताया कि इस केस में आश्रम की वार्डन और दो अन्य लोगों को भी 20-20 साल की सजा मिली थी। वे लोग भी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। अब देखना होगा कि हाई कोर्ट इस समय सीमा में क्या फैसला लेता है।
