शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

सुप्रीम कोर्ट वकीलों ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, सीजेआई सुरक्षा पर जताई चिंता; नफरत के खिलाफ सख्त कारवाही की उठाई मांग

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New Delhi: सुप्रीम कोर्ट आर्ग्युइंग काउंसिल एसोसिएशन ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। संगठन ने देश में बढ़ रही नफरत और उग्रवाद की घटनाओं पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट परिसर में सुरक्षा में सेंध गंभीर चिंता का विषय है।

संगठन ने राष्ट्रपति से तुरंत सख्त कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने छह अक्टूबर की घटना को पूरे देश के लिए चिंताजनक बताया। यह घटना न्याय के सर्वोच्च मंदिर में हुई थी।

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

एसोसिएशन ने अपने पत्र में गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अगर मुख्य न्यायाधीश सुरक्षित नहीं हैं तो यह गंभीर संकेत है। यह प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है। सुप्रीम कोर्ट देश के सबसे सुरक्षित स्थानों में गिना जाता था।

पत्र में कहा गया कि कई धार्मिक नेता खुलेआम संविधान की अवहेलना कर रहे हैं। वे भड़काऊ बयान देकर समाज में डर फैला रहे हैं। इससे अविश्वास का माहौल बन रहा है। यह स्थिति चिंताजनक है।

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राष्ट्रपति से मांगें

संगठन ने राष्ट्रपति से कई महत्वपूर्ण मांगें की हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट परिसर के सुरक्षा अधिकारियों को हटाने की मांग की है। सुरक्षा एजेंसियों के लापरवाह कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई चाही है।

एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को उच्च स्तरीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देने को कहा है। छह अक्टूबर की घटना में शामिल सभी लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की गई है।

कानूनी कार्रवाई की मांग

संगठन ने मुख्य न्यायाधीश या किसी संवैधानिक पद को निशाना बनाने वालों पर कठोर दंड की मांग की है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इससे संविधान की गरिमा बनी रहेगी।

एसोसिएशन का मानना है कि राष्ट्रपति का हस्तक्षेप जनता का भरोसा बहाल करेगा। संविधान की सर्वोच्चता फिर से स्थापित होगी। राष्ट्रपति संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य कर सकते हैं।

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संगठन के पदाधिकारी

इस पत्र पर एसोसिएशन के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किए हैं। अध्यक्ष परीना स्वरूप ने पत्र पर हस्ताक्षर किए। उपाध्यक्ष उमेश बाबू चौरेसिया ने भी अपनी सहमति दी।

महासचिव एडवोकेट वरुण ठाकुर और कोषाध्यक्ष डॉ. भीम प्रताप सिंह ने भी पत्र का समर्थन किया। अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी इस पहल में भाग लिया। सभी ने संविधान की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया।

भविष्य की अपेक्षाएं

संगठन ने राष्ट्रपति से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद जताई है। उनका मानना है कि समय पर हस्तक्षेप से स्थिति सुधर सकती है। न्याय प्रणाली में लोगों का विश्वास बहाल हो सकता है।

एसोसिएशन ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। न्यायपालिका की स्वतंत्रता और सुरक्षा बनाए रखना आवश्यक है। इससे लोकतंत्र मजबूत होगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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