शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

सुप्रीम कोर्ट: 100 साल से चल रही रामलीला को दी हरी झंडी, हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

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Firozabad News: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के टुंडला में एक स्कूल मैदान पर होने वाले रामलीला उत्सव को जारी रखने की अनुमति दे दी है। शीर्ष न्यायालय ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें इस आयोजन पर प्रतिबंध लगाया गया था। कोर्ट ने कहा कि यह उत्सव पिछले 100 साल से होता आ रहा है और इससे छात्रों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। पीठ ने रामलीला उत्सव को जारी रखने की इजाजत देते हुए स्पष्ट शर्तें रखीं। कोर्ट ने कहा कि बच्चों की खेल की गतिविधियां बाधित नहीं होनी चाहिए। साथ ही, अदालत ने याचिकाकर्ता से सख्त सवाल पूछे कि आखिर उत्सव के ठीक पहले यह याचिका क्यों दायर की गई।

जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि वह न तो छात्र हैं और न ही अभिभावक। ऐसे में उन्होंने जनहित याचिका क्यों दायर की? अदालत ने पूछा कि जब यह आयोजन एक सदी से हो रहा है तो अचानक अब आपत्ति क्यों उठाई जा रही है? इस सवाल ने कोर्ट की कार्यवाही में काफी तीखापन ला दिया।

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याचिकाकर्ता की ओर से दावा किया गया था कि स्कूल के मैदान में सीमेंट की टाइलें बिछाई जा रही हैं। इससे बच्चों के खेलने पर असर पड़ रहा है। साथ ही, स्कूल के मुख्य द्वार का नाम बदलकर ‘सीता राम द्वार’ कर दिया गया है। हाई कोर्ट ने इन तर्कों को स्वीकार करते हुए रामलीला पर रोक लगा दी थी।

हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ श्रीनगर रामलीला महोत्सव समिति ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। समिति की दलील थी कि यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। राज्य के अधिकारियों ने भी सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि आयोजन शाम सात से दस बजे तक ही होता है। टाइलें जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए बिछाई गई थीं।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में हाई कोर्ट के आदेश के एक特定 पैरा पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि चूंकि उत्सव शुरू हो चुका है, इसलिए इसे जारी रहने दिया जाए। हालांकि, अदालत ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि छात्रों की पढ़ाई और खेलकूद पर कोई असर न पड़े। शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट को यह मामला फिर से सुनवाई के लिए भेज दिया है।

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इस मामले ने धार्मिक आयोजनों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच संतुलन के महत्वपूर्ण सवाल को उठाया है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस बात पर जोर देता है कि लंबे समय से चली आ रही परंपराओं का सम्मान किया जाना चाहिए। साथ ही, छात्रों के हितों की रक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। यह मामला अब हाई कोर्ट में आगे की सुनवाई का इंतजार करेगा।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद टुंडला में रामलीला का आयोजन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहेगा। अदालत ने स्थानीय प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि स्कूली बच्चों का रूटीन प्रभावित न हो। इस फैसले को स्थानीय निवासियों द्वारा सकारात्मक रूप से देखा जा रहा है, जो इस सांस्कृतिक कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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