शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र चुनाव आयोग को झटका: 31 जनवरी तक पूरे करने होंगे स्थानीय निकाय चुनाव

Share

Mumbai News: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने निर्देश दिया कि वर्ष 2022 से लंबित स्थानीय निकाय चुनाव 31 जनवरी 2026 तक पूरे किए जाएं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जोयमाल्या बागची की पीठ ने यह आदेश पारित किया।

पीठ ने स्पष्ट किया कि राज्य और चुनाव आयोग को कोई और समय नहीं दिया जाएगा। सभी जिला परिषदों, पंचायत समितियों और नगर पालिकाओं के चुनाव निर्धारित तिथि तक कराने होंगे। अदालत ने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया चुनाव स्थगित करने का आधार नहीं बन सकती।

कड़े निर्देश

अदालत ने कहा कि लंबित परिसीमन कार्य 31 अक्टूबर 2025 तक पूरा कर लिया जाए। इसके बाद कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा। राज्य चुनाव आयोग को 30 नवंबर 2025 तक सभी आवश्यक ईवीएम मशीनों की व्यवस्था करनी होगी।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल की अनोखी शादी; दोनों भाइयों का गालियां देने वालों पर फूटा गुस्सा; जोड़ीदार प्रथा का किया बचाव

पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वे चुनाव कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करें। चुनाव आयोग को दो सप्ताह के भीतर आवश्यक कर्मचारियों का विवरण मुख्य सचिव को देना होगा। मुख्य सचिव को चार सप्ताह के भीतर कर्मचारी उपलब्ध कराने होंगे।

अदालत की नाराजगी

अदालत ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने मई में पारित आदेश का पालन नहीं किया। उस आदेश में चुनाव चार महीने में पूरे करने के निर्देश थे। पीठ ने कहा कि आयोग की निष्क्रियता उसकी अक्षमता दर्शाती है।

राज्य चुनाव आयोग ने बोर्ड परीक्षाओं और ईवीएम की कमी का हवाला दिया था। अदालत ने इन तर्कों को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि परीक्षाएं मार्च में होंगी जबकि चुनाव जनवरी तक पूरे होने हैं।

यह भी पढ़ें:  गोवा न्यूज: नाइट क्लब में आतिशबाजी से लगी आग, 25 लोगों की मौत, चार मैनेजर गिरफ्तार

ईवीएम की स्थिति

राज्य चुनाव आयोग के वकील ने बताया कि वर्तमान में 65,000 ईवीएम उपलब्ध हैं। 50,000 अतिरिक्त ईवीएम की आवश्यकता है। नए ईवीएम का ऑर्डर दिया जा चुका है। अदालत ने आयोग को 30 नवंबर तक सभी ईवीएम की व्यवस्था करने का निर्देश दिया।

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि आयोग चुनाव टालने के बहाने ढूंढ रहा है। त्योहारों से लेकर कर्मचारियों की कमी तक के तर्क दिए जा रहे हैं। अदालत ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया।

अदालत ने स्पष्ट किया कि 31 अक्टूबर के बाद कोई भी विस्तार अर्जी स्वीकार नहीं की जाएगी। सभी हितधारकों को दिए गए निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा। चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी स्वीकार्य नहीं होगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News