New Delhi News: देश की न्यायपालिका में सोमवार को एक अनोखी घटना देखने को मिली। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार किसी सेवानिवृत्त चीफ जस्टिस ने अपनी सरकारी गाड़ी तुरंत त्याग दी। पूर्व सीजेआई बी.आर. गवई ने शपथ ग्रहण के बाद अपनी सरकारी मर्सिडीज-बेंज नए मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत के लिए वहीं छोड़ दी। इसके बाद वे अपने निजी वाहन से घर के लिए रवाना हुए।
परंपरा से हटकर लिया फैसला
आमतौर पर रिटायर होने के बाद भी जज कुछ समय तक सरकारी वाहन का उपयोग करते हैं। लेकिन जस्टिस गवई ने इस पुरानी रीत को बदल दिया। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह के बाद यह बड़ा कदम उठाया। उनका उद्देश्य था कि नए सीजेआई को काम संभालने के लिए तुरंत सरकारी कार मिल सके। जानकारों के मुताबिक, यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के प्रति उनके सम्मान और सुशासन को दर्शाता है।
जस्टिस सूर्यकांत बने 53वें सीजेआई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। उन्होंने जस्टिस बी.आर. गवई का स्थान लिया है। जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल करीब 15 महीने का होगा। इस दौरान उनके सामने न्यायपालिका से जुड़ी कई अहम जिम्मेदारियां होंगी।
अहम फैसलों में रहे हैं शामिल
जस्टिस सूर्यकांत ने अपने करियर में कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए हैं। वे धारा 370 और पेगासस जासूसी कांड जैसे चर्चित मामलों की सुनवाई करने वाली बेंच का हिस्सा रहे हैं। इसके अलावा राजद्रोह कानून और राज्यपाल की शक्तियों से जुड़े मामलों में भी उनकी भूमिका अहम रही है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अब उनकी नई पारी शुरू हो गई है।
