Noida News: नोएडा में खाकी वर्दी पर बेहद गंभीर और शर्मनाक आरोप लगे हैं। सेक्टर 126 थाने में एक महिला वकील के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया है। पीड़ित वकील ने पुलिस पर 14 घंटे तक अवैध हिरासत में रखकर प्रताड़ित करने का दावा किया है। इस मामले की गूंज अब देश की सबसे बड़ी अदालत तक पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने घटना का संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने नोएडा पुलिस से थाने की सीसीटीवी फुटेज तलब की है।
वकील ने सुनाई खौफनाक आपबीती
पीड़ित महिला वकील ने सुप्रीम कोर्ट के सामने अपना दर्द बयां किया। उन्होंने बताया कि वह 3 दिसंबर को अपने एक मुवक्किल की मदद के लिए थाने गई थीं। वहां पुलिसकर्मियों ने उन्हें ही अवैध रूप से हिरासत में ले लिया। वकील का आरोप है कि पुलिसवालों ने उन्हें 14 घंटे तक थाने में बैठाए रखा। इस दौरान उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उनके साथ यौन शोषण जैसा घिनौना कृत्य भी हुआ।
SHO और पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप
याचिका में थाने के एसएचओ (SHO) और अन्य पुरुष पुलिसकर्मियों पर सीधे आरोप लगाए गए हैं। महिला के मुताबिक, जब उन्होंने एफआईआर दर्ज करने की बात कही, तो पुलिस ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। थाने के अंदर ही उन्हें डराया और धमकाया गया। रक्षक ही भक्षक बन गए थे। इस घटना ने पूरे पुलिस महकमे की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिया है। महिला अब न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में है।
जजों ने कहा- यह सीसीटीवी ब्लॉक करने का मामला
जस्टिस विक्रम नाथ और एनवी अंजारिया की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। जजों ने माना कि आरोप बेहद गंभीर हैं। बेंच ने टिप्पणी की कि यह सीसीटीवी फुटेज को ब्लॉक करने का मामला लग रहा है। कोर्ट ने कहा कि थानों में कैमरों का चालू रहना बहुत जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि थाने की सीसीटीवी फुटेज सीलबंद लिफाफे में जमा की जाए। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सच्चाई सामने आनी चाहिए।
