सोमवार, दिसम्बर 22, 2025

Supreme Court: उत्तराखंड सरकार पर भड़के CJI, जंगलों में कब्जे पर लिया ऐसा एक्शन कि मच गया हड़कंप!

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Uttarakhand News: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के जंगलों में हो रहे अवैध कब्जे और अतिक्रमण पर सख्त रुख अपनाया है। सोमवार को कोर्ट ने इस मामले में खुद संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार के खिलाफ सख्त नाराजगी जताई। कोर्ट ने एक नया केस शुरू करते हुए वनों की जमीन पर चल रहे सभी निर्माण कार्यों पर तुरंत रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस कड़े आदेश के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। CJI ने राज्य सरकार की सुस्ती पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और नियमों के बावजूद अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। उनकी आंखों के सामने जंगल की कीमती जमीन पर कब्जा हो रहा है और वे मूक दर्शक बने हुए हैं।

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खाली जमीन को कब्जे में ले वन विभाग

अवकाशकालीन पीठ ने साफ शब्दों में कहा कि हालात को देखते हुए तुरंत न्यायिक दखल जरूरी है। कोर्ट ने वन विभाग को निर्देश दिया है कि वह रिहायशी घरों को छोड़कर बाकी सभी खाली जमीनों को तुरंत अपने कब्जे में ले। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट पार्टियों को किसी भी तरह का थर्ड पार्टी अधिकार बनाने से रोक दिया है। इसका मतलब है कि अब उस जमीन को न तो बेचा जा सकता है और न ही किसी और को सौंपा जा सकता है।

फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन

जस्टिस सूर्यकांत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने का आदेश दिया है। उत्तराखंड के मुख्य सचिव और प्रधान संरक्षण सचिव को इस कमेटी का जिम्मा सौंपा गया है। उन्हें जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट कोर्ट में जमा करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि जब तक मामला कोर्ट में है, जमीन की स्थिति में कोई बदलाव न हो।

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5 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जब तक अगला आदेश नहीं आता, तब तक वहां किसी भी तरह की गतिविधि नहीं होगी। चाहे वह निर्माण कार्य चल रहा हो या सिर्फ प्लानिंग फेज में हो, सब पर रोक रहेगी। सुप्रीम कोर्ट खुलने के बाद इस मामले को दोबारा लिस्ट किया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई अब 5 जनवरी को तय की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहाड़ी इलाकों में बिना इजाजत बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य चल रहा था, जिस पर अब ब्रेक लग गया है।

उत्तराखंड के जंगलों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बहुत बड़ा है। अवैध कब्जे और अतिक्रमण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त तेवर दिखाए हैं। अब देखना होगा कि 5 जनवरी की सुनवाई में राज्य सरकार क्या जवाब देती है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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