Himachal News: सुप्रीम कोर्ट की केंद्रीय सशक्त समिति ने शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के गांव हिमरी और आसपास के क्षेत्रों में संरक्षित वनों के भीतर अवैध सड़क निर्माण के मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया है। समिति ने वन विभाग, लोक निर्माण विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों से जवाब मांगा है। यह कार्रवाई अवैध खनन और लकड़ी की तस्करी से जुड़े मामले में की गई है।
यह कार्रवाई इंटरलोक्यूटरी एप्लीकेशन नंबर 140072 और 140078/2025 के तहत की गई है। इन आवेदनों को गांव हिमरी निवासी याचिकाकर्ता विजयेंद्र पाल सिंह ने दाखिल किया था। यह आवेदन 25 जून 2025 के उस आदेश से संबंधित है जिसमें हिमरी-नल्लाह सड़क परियोजना के लिए 875 पेड़ों की कटाई पर रोक लगाई गई थी।
याचिकाकर्ता के आरोप
याचिकाकर्ता ने केंद्रीय सशक्त समिति के समक्ष व्यापक अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। उन्होंने आधिकारिक आंकड़ों में हेरफेर और अभिलेखों की संभावित जालसाजी के मामले प्रस्तुत किए हैं। आरोप है कि वन संरक्षण अधिनियम और वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए वन स्वीकृतियां प्राप्त की गईं।
आरोपों में कहा गया है कि स्थानीय प्रशासन और वन माफिया की मिलीभगत से अनधिकृत सड़क निर्माण को संरक्षण मिला है। अवैध खनन और लकड़ी की तस्करी की गतिविधियां भी इसी मिलीभगत से संचालित हो रही हैं। याचिकाकर्ता ने इन गतिविधियों को रोकने की मांग की है।
उच्च न्यायालय में लंबित याचिका
इस मुद्दे से संबंधित एक लोकहित याचिका जून 2024 से हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। इस याचिका में पर्यावरणीय संगठन “पहाड़ी समाज पर्यावरणी कवच” न्यायिक निगरानी की मांग कर रहा है। संगठन ने वन संरक्षण कानूनों के उल्लंघन पर गंभीर चिंता जताई है।
याचिकाकर्ता का दावा है कि अब तक 17 किलोमीटर से अधिक अवैध सड़कों का निर्माण संरक्षित वन क्षेत्रों के भीतर किया गया है। इन सड़कों के निर्माण के लिए स्थानीय प्रशासनिक और पंचायत निधियों का दुरुपयोग हुआ है। इससे वन्यजीवों और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
सीबीआई जांच की मांग
याचिकाकर्ता ने बताया कि शिकायतों के बावजूद राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके चलते उन्होंने मामले की जांच को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को सौंपने की मांग की है। उनका मानना है कि केवल केंद्रीय एजेंसी ही निष्पक्ष जांच कर सकती है।
केंद्रीय सशक्त समिति ने इस मामले में सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को तलब किया है। समिति ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया है। आगामी सुनवाई में सभी पक्षों के तर्क सुने जाएंगे। समिति का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और कानून का पालन सुनिश्चित करना है।
