New Delhi News: उन्नाव रेप केस में कानूनी लड़ाई अब और तेज हो गई है। Supreme Court में जल्द ही इस मामले की गूंज सुनाई देगी। सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने का ऐलान किया है। हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित कर उसे जमानत दी थी। हालांकि, सीबीआई के इस कदम से सेंगर की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं।
सीबीआई ने क्यों किया विरोध?
जांच एजेंसी ने हाईकोर्ट के आदेश को अस्वीकार कर दिया है। सीबीआई का कहना है कि यह मामला बेहद संवेदनशील है। दोषी एक रसूखदार राजनीतिक व्यक्ति है। ऐसे में उसकी रिहाई से पीड़िता की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। एजेंसी अब Supreme Court में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर करेगी। सीबीआई और पीड़ित परिवार ने शुरू से ही जमानत का कड़ा विरोध किया था।
जेल से बाहर नहीं आ पाएगा सेंगर
हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद सेंगर अभी जेल में ही रहेगा। वह पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में हुई मौत का भी दोषी है। उस मामले में कोर्ट ने उसे 10 साल की सजा सुनाई थी। उस केस में उसे अभी जमानत नहीं मिली है। इसलिए Supreme Court का फैसला आने तक वह सलाखों के पीछे ही रहेगा।
हाईकोर्ट ने लगाई हैं सख्त शर्तें
डिवीजन बेंच ने जमानत देते वक्त कई शर्तें रखी थीं। सेंगर को 15 लाख रुपये का निजी मुचलका भरना होगा। उसे पीड़िता के घर से 5 किलोमीटर के दायरे से दूर रहने का आदेश है। साथ ही, परिवार को किसी भी तरह की धमकी न देने की हिदायत दी गई है। अदालत ने पीड़िता की सुरक्षा जारी रखने की भी बात कही थी।
क्या है पूरा मामला?
साल 2017 में सेंगर पर नाबालिग से रेप का आरोप लगा था। इसके बाद पीड़िता के पिता की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। कोर्ट ने रेप केस में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अब देखना होगा कि Supreme Court इस मामले में क्या रुख अपनाता है।
