Shimla News: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार को प्रदेश में निर्माणाधीन विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को भूमि मुआवजा, वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) और वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) की मंजूरी से संबंधी मामलों और परियोजनाओं के कार्यान्वयन में आ रही बाधाओं निपटाने के निर्देश दिए।
सीएम ने विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए एक माह के भीतर 804 करोड़ रुपये के भूमि मुआवजे का वितरण करने के लिए अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की और 27 मार्च 2023 तक करीब 750 करोड़ रुपये के शेष मुआवजे के मामलों की वितरण प्रक्रिया को पूरा करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों को एफआरए-एफसीए स्वीकृति संबंधी मामलों की हर 15 दिनों में निगरानी कर इनमें तेजी लाने के निर्देश दिए। इन मामलों में हुई प्रगति की समीक्षा के लिए 27 मार्च को बैठक आयोजित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में सड़कें परिवहन का मुख्य साधन हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करने के लिए राज्य सरकार की की ओर से मुआवजे और स्वीकृतियों से संबंधित मामलों का निपटारा किया जा रहा है।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार), गोकुल बुटेल, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित सहित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
शिमला-मटौर, पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ सड़क की भी समीक्षा
सीएम ने शिमला-मटौर सड़क, पठानकोट-मंडी सड़क, शिमला बाईपास और पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ सड़क की प्रगति की भी समीक्षा की और परियोजनाओं के निर्माण कार्य में गति लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीहरू-लठियाणी सड़क के लिए 900 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट 20 फरवरी 2023 को केंद्र सरकार को प्रस्तुत की जा चुकी है। 31 मार्च 2023 तक इस परियोजना को स्वीकृति मिलने की संभावना है।
31 मार्च तक तैयार होगी सैंज-लूहरी-जलोड़ी सड़क की डीपीआर
सीएम ने कहा कि 31 मार्च 2023 तक सैंज-लूहरी-जलोड़ी सड़क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि जलोड़ी सुरंग के निर्माण के लिए एक सलाहकार नियुक्त किया जाएगा तथा नालागढ़-स्वारघाट सड़क, ऊना बाईपास और पंजाब की सीमा से नादौन तक सड़क निर्माण को शुरू किया जाएगा। यह परियोजनाएं क्षेत्र के आर्थिक विकास और स्थानीय लोगों को लाभान्वित करेंगी।