Market News: शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी रहा। बीएसई सेंसेक्स 94.73 अंक गिरकर 83,216.28 पर बंद हुआ। निफ्टी 17.40 अंक की कमजोरी के साथ 25,492.30 पर रहा। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 640 अंक तक गिर गया था। बाद में सपोर्ट स्तरों पर खरीदारी से सुधार आया।
विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली ने बाजार को प्रभावित किया। वैश्विक बाजारों में कमजोरी ने भी निवेशकों के मनोबल को झटका दिया। एफआईआई ने गुरुवार को 3,263 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी। घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 5,283 करोड़ रुपये की खरीदारी कर समर्थन दिया।
प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में भारती एयरटेल के शेयर सबसे ज्यादा टूटे। यह 4.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। टेक महिंद्रा, ट्रेंट और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर भी नुकसान में रहे। एचसीएल टेक, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी में भी कमजोरी देखने को मिली।
बजाज फाइनेंस के शेयरों में सबसे अधिक तेजी देखी गई। टाटा स्टील और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर भी लाल निशान में रहे। बजाज फिनसर्व के शेयरों में भी खरीदारी देखने को मिली। फाइनेंशियल सेक्टर के शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया।
विश्लेषकों की राय
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर ने बताया कि बाजार शुरुआती गिरावट से उबर गया। प्रमुख सपोर्ट स्तरों पर खरीदारी ने मदद की। हालांकि मिश्रित तिमाही नतीजों और वैश्विक संकेतों में सतर्कता बनी हुई है। एफआईआई की लगातार निकासी भी चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि इसे अभी ट्रेंड रिवर्सल कहना जल्दबाजी होगी। कुछ चुनिंदा सेक्टरों को दूसरी तिमाही के नतीजों से समर्थन मिला है। फाइनेंशियल सेक्टर विशेष रूप से पीएसयू बैंकों में तेजी देखी गई। यह एफडीआई सीमा बढ़ने की अटकलों से प्रेरित है।
वैश्विक बाजारों का रुख
एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्केई गिरावट के साथ बंद हुए। चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग भी नकारात्मक रहे। यूरोप के बाजारों में दोपहर के कारोबार में कमजोरी देखी गई।
अमेरिकी बाजार गुरुवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 1.31 प्रतिशत की बढ़त के साथ 64.21 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। तेल की कीमतों में वृद्धि से भी बाजार प्रभावित हुआ।
आगे की संभावनाएं
विश्लेषकों का मानना है कि बाजार अमेरिकी शटडाउन और टैरिफ संबंधी घटनाक्रम पर नजर रखेगा। अमेरिका-भारत और अमेरिका-चीन सौदों पर भी ध्यान केंद्रित रहेगा। इन घटनाओं से मौजूदा तेजी की स्थिरता का आकलन किया जा सकेगा।
सेक्टर में संभावित एकीकरण को लेकर निवेशकों की रुचि बढ़ी है। पीएसयू बैंकों में खरीदारी देखने को मिल रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि बाजार में अभी अस्थिरता बनी रह सकती है। निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
