India News: भारतीय शेयर बाजार में ‘ब्लैक फ्राइडे’ ने निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया। सेंसेक्स 721 अंक गिरकर 81,463.09 पर बंद हुआ। निफ्टी 50 भी 225.10 अंक लुढ़ककर 24,837 पर आ गया। दो दिनों में निवेशकों की ₹7 लाख करोड़ की पूंजी साफ हो गई। बीएसई का मार्केट कैप ₹460.35 लाख करोड़ से घटकर ₹453 लाख करोड़ रह गया। शेयर बाजार में यह गिरावट कई कारणों से आई।
व्यापार समझौते में देरी
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में देरी ने शेयर बाजार को प्रभावित किया। अमेरिका ने जापान, वियतनाम और फिलीपींस के साथ समझौते किए, लेकिन भारत के साथ अनिश्चितता बनी हुई है। इससे निवेशकों का भरोसा डगमगाया। बाजार में अनिश्चितता ने बिकवाली को बढ़ावा दिया। कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई। विशेषज्ञों का कहना है कि समझौते में देरी से बाजार पर दबाव और बढ़ सकता है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली
जुलाई में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने ₹28,528 करोड़ के शेयर बेचे। पिछले चार दिनों में ही ₹11,572 करोड़ की निकासी हुई। इस बिकवाली ने शेयर बाजार पर भारी दबाव डाला। सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट का एक प्रमुख कारण यह रहा। विदेशी निवेशकों की वापसी से बाजार में अस्थिरता बढ़ी। निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ। इससे छोटे और मध्यम कंपनियों के शेयरों पर भी असर पड़ा।
कमजोर तिमाही नतीजे
आईटी और फाइनेंस सेक्टर की कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों ने बाजार को निराश किया। मैनेजमेंट की सतर्क टिप्पणियों ने निवेशकों की धारणा को और कमजोर किया। कई कंपनियों ने उम्मीद से कम मुनाफा दर्ज किया। इससे शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा। निवेशकों ने सुरक्षित निवेश की ओर रुख किया। सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट का यह भी एक बड़ा कारण रहा।
ऊंचा वैल्यूएशन और तकनीकी कमजोरी
स्मॉल-कैप और मिड-कैप शेयरों का वैल्यूएशन अधिक होने से चिंता बढ़ी। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा कमाई इसे सही नहीं ठहराती। निफ्टी 50 का 25,000 से नीचे फिसलना तकनीकी कमजोरी दर्शाता है। एक्सिस सिक्योरिटीज के अनुसार, मंदी के पैटर्न से और गिरावट की आशंका है। शेयर बाजार में यह तकनीकी कमजोरी निवेशकों के लिए चेतावनी है। सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।
