Investment News: म्यूचुअल फंड में निवेश का लोकप्रिय तरीका एसआईपी है। Step-up SIP इसी का एक Advanced वर्जन है। इसमें निवेशक अपनी निवेश राशि को नियमित अंतराल पर बढ़ाता है। यह विकल्प उन निवेशकों के लिए आदर्श है जो भविष्य में अपनी बचत बढ़ाना चाहते हैं। इससे कम्पाउंडिंग का फायदा और बढ़ जाता है।
Step-up SIP की अवधारणा
Step-up SIP एक सुविधा है जहां आप अपने निवेश में स्वचालित वृद्धि तय करते हैं। आप एक समय सीमा चुनते हैं, जैसे सालाना या छमाही। फिर आप उस अवधि के बाद अपने निवेश में एक निश्चित प्रतिशत की बढ़ोतरी कर देते हैं। यह प्रक्रिया आपकी निवेश अवधि तक चलती रहती है।
काम करने का तरीका
मान लीजिए आपने हर महीने दस हजार रुपये की एसआईपी शुरू की। आपने सालाना दस प्रतिशत Step-up का विकल्प चुना। पहले साल आपका महीने का निवेश दस हजार रुपये रहेगा। दूसरे साल यह बढ़कर ग्यारह हजार रुपये प्रति माह हो जाएगा। तीसरे साल यह बारह हजार दस सौ रुपये हो जाएगा।
आम एसआईपी से तुलना
एक सामान्य एसआईपी में निवेश राशि स्थिर रहती है। Step-up SIP में राशि समय के साथ बढ़ती जाती है। इसलिए लंबी अवधि में यह ज्यादा रिटर्न दिलाने की क्षमता रखता है। बढ़ती हुई निवेश राशि के कारण कम्पाउंडिंग का प्रभाव और शक्तिशाली हो जाता है।
लंबी अवधि में फायदा
टाटा एसेट मैनेजमेंट के एक विशेषज्ञ के अनुसार Step-up SIP ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। बीस साल की अवधि में दस हजार की monthly SIP और दस प्रतिशत स्टेप-अप वाली एसआईपी में बड़ा अंतर आता है। स्टेप-अप विकल्प में निवेश राशि अधिक होने के कारण रिटर्न भी काफी अधिक मिलता है।
निवेशकों के लिए सुविधा
यह विकल्प उन निवेशकों की जरूरतों को पूरा करता है जिनकी आय समय के साथ बढ़ती है। जैसे जैसे व्यक्ति की सैलरी बढ़ती है, वह अपना निवेश भी बढ़ा सकता है। इससे Financial Planning और आसान हो जाती है। यह एक तरह से Automatic Investment Increase की सुविधा है।
