UN News: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने फिलिस्तीन को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के पक्ष में एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया है। फ्रांस द्वारा प्रस्तुत इस प्रस्ताव को भारत समेत 142 देशों का भारी समर्थन मिला। प्रस्ताव का मुख्य लक्ष्य इजरायल और फिलिस्तीन के बीच दो-राज्य समाधान को लागू करने का मार्ग प्रशस्त करना है।
प्रस्ताव ने अक्टूबर 2023 में हमास के हमले की स्पष्ट शब्दों में निंदा की। इस हमले में 1200 इजरायलियों की मौत हुई थी और 250 से अधिक बंधक बनाए गए थे। साथ ही, इसने गाजा में इजरायल की चल रही सैन्य कार्रवाई पर गहरी चिंता जताई।
इसमें गाजा में मानवीय संकट, नागरिक हताहतों और बुनियादी ढांचे के विनाश पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। प्रस्ताव ने इजरायल से तत्काल युद्धविराम का आग्रह किया और हिंसा को रोकने का आह्वान किया।
दो-राज्य समाधान पर जोर
प्रस्ताव ने इजरायल से दो-राज्य समाधान के लिए स्पष्ट प्रतिबद्धता व्यक्त करने को कहा। इसमें फिलिस्तीनी क्षेत्रों में नई बस्तियां बनाने पर रोक लगाने का आह्वान किया गया। साथ ही पूर्वी येरूशलम सहित किसी भी कब्जे वाले क्षेत्र के विस्तार से इनकार करने को कहा गया।
यह स्पष्ट किया गया कि गाजा फिलिस्तीनी राज्य का अभिन्न अंग है। इसे वेस्ट बैंक के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए। इस एकीकरण का उद्देश्य कब्जा, नाकेबंदी और जबरन विस्थापन को पूरी तरह समाप्त करना है।
मतदान पैटर्न और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
सभी खाड़ी अरब देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। विरोध करने वाले देशों में इजरायल और अमेरिका प्रमुख थे। अर्जेंटीना, हंगरी और कुछ प्रशांत द्वीप राष्ट्रों ने भी प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया।
इजरायली विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को ‘राजनीतिक सर्कस’ बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रस्ताव में हमास को आतंकवादी संगठन नहीं कहा गया।
अमेरिकी डिप्लोमैट मॉर्गन ऑरटागस ने भी इसकी आलोचना की। उन्होंने इसे हमास को सहयोग देने वाला राजनीतिक दिखावा करार दिया। यह मतदान अंतरराष्ट्रीय समुदाय में गहरे मतभेदों को उजागर करता है।
