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शनिवार, 30 सितम्बर,2023

जी20 सम्मेलन में लगेगा कुल्लवी टोपी और शॉल का स्टॉल, विदेशी मेहमान खरीदेंगे हाथों से बने उत्पाद

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Delhi News: जी-20 सम्मेलन में लगने वाले स्टॉल में कुल्लू जिला के स्वेटर, मफलर, जुराबें, कुल्लवी टोपी और कुल्लवी शॉल भी देखने को मिलेगी। कुल्लू जिला की ग्रामीण महिलाओं के द्वारा अपने हाथों से तैयार किए गए यह विभिन्न उत्पादों को यहां प्रदर्शनी में रखा जाएगा। ऐसे में भी यहां विदेशी मेहमान इन उत्पादों को निहारने के साथ साथ खरीदारी करने का भी आनंद ले सकेंगे।

हिमाचल प्रदेश देशभर में प्राचीन संस्कृति, वेश भूषा और रहन सहन के लिए प्रसिद् है। हिमाचल प्रदेश का हर जिला आज भी अपनी संस्कृति को संजौए हुए हैं। देश विदेश से सैलानी यहां लाखों की संख्या में प्राचीन संस्कृति और सभ्यता से रूबरू होने के लिए भी पहुंचते हैं। इन्हीं में से एक है हिमाचल प्रदेश का देवभूमि कुल्लू जिला जिसे सैलानी बेहद पंसद करता है।

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जहां पर लोग आज भी अपनी प्राचीन संस्कृति को संजौए हुए हैं। देशभर में जिला कुल्लू जहां पर्यटन के लिए ही मशहूर है तो वहीं यहां जिला कुल्लू अपनी संस्कृति, बोली, वेशभूषा, पारम्परिक व्यंजन के लिए भी देश विदेश में भी जाना जाता है। आज कल के आधुनिकता के समय में भी लोग यहां हाथों से बने उत्पादों को काफी पसंद करते हैं। युवा पीढ़ी भी अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने में पीछे नहीं रहते है।

वहीं, जिला कुल्लू के नग्गर के रहने वाले युवा भी एक ऐसे है जो कि अपनी संस्कृति को प्रमोट करने मे जुटे है। नग्गर के रहने वाले भृगु आचार्या भी कुल्लूवी कल्चर को न केवल बढ़ावा दे रहे है बल्कि महिलाओं को भी रोजगार देने में अहम भूमिका अदा कर रह है। यही कारण है कि दिल्ली में होने जा रहे जी 20 सम्मेलन में भी जिला के उत्पादों की स्टॉल लगने जा रहा है। जिला के नग्गर गांव में ग्रामीण महिलाओं के हाथ से बनाए गए इन उत्पादों को यहां पर प्रदर्शनी के लिए रखा जाएगा।

क्राफ्ट बाजार में हिमाचल के उत्पादों को मिलेगी जगह

हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम व हिमक्राफ्ट की ओरे से सितंबर महीने में जो दिल्ली में जी-20 सम्मेलन होने जा रहा है। उसमें क्राफ्ट बाजार लगने जा रहा है। जिसमें हर राज्य को एक स्टॉल प्रदान किया गया है। जिसमें हिमाचल प्रदेश का भी स्टॉल वहां पर लगाया जाएगा। जिसमें किन्नौरी शॉल, चंबा का रुमाल, काला जीरा, कुल्लवी शॉल, मफलर, कुल्लवी जुरावें और खासकर कुल्लनी शॉल को सेल व प्रदर्शनी के लिए रखा जाएगा। इससे पहले धर्मशाला में भी आयोजित हुए जी-20 समेलनन में भी इसी तरह से स्टॉल लगाया गया था । जिसमें देश विदेश से आए मेहमानों को हिमाचली उत्पाद काफी पसंद आए थे।

धर्मशाला में जी-20 सम्मेलन में खूब छाए थे उत्पाद

कुल्लवी विम्ज के सह संस्थापक भृगु आचार्या ने कहा कि दिल्ली में होने जा रहे जी-20 सम्मेलन में हाथों से बने कुल्लवी उत्पादों को भी प्रदर्शित किया जाएगा। इसके लिए उनके पास कुल्लवी शॉल, मफलर, टोपी, जुरावों आदि का ऑडर आया है। वह अपने इन उत्पादों को घर पर ही तैयार करते हैं।

भृगु ने बताया कि इससे पहके धर्मशाला में आयोजित हुए जी-20 समेलन में भी उन्होंने अपना स्टॉल लगाया था और इस दौरान वहां पर आए देश विदेश से मेहमानों ने उनके उत्पादों को काफी पसंद किया था और अब एक बार फिर दिल्ली में होने जा रहे जी-20 सम्मेलन में भी उनके उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। जिसके लिए वह खुश हैं। कुल्लवी विम्स से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं की मानें तो वह भी काफी खुश है कि उनके द्वारा हाथों से बनाए गए कुल्लवी उत्पादों को दिल्ली में जी-20 सम्मेलन में प्रदर्शित किया जाएगा। वह स्वयं इन उत्पादों को घर में तैयार करती हैं और इससे उनकी अच्छी आय भी होती है। देश-विदेश से आने वाले सैलानी भी उनके उत्पादों को काफी पसंद करते हैं।

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