International News: नासा के क्रू-11 अंतरिक्ष मिशन में भारत और पाकिस्तान ने पहली बार साझेदारी की। लद्दाख के सी बकथॉर्न और हिमालयी कुट्टू के बीजों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर भेजा गया। पाकिस्तान समेत 10 अन्य देशों के बीज भी इस प्रयोग में शामिल हैं। यह मिशन यह जांचेगा कि क्या सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में बीज उगाए जा सकते हैं। यह वैज्ञानिक सहयोग सीमाओं को पार करता है।
लद्दाख के बीजों का चयन
लद्दाख के सी बकथॉर्न और हिमालयी कुट्टू के बीजों को अंतरिक्ष मिशन के लिए चुना गया। ये बीज पोषक तत्वों से भरपूर हैं। सी बकथॉर्न विटामिन सी का स्रोत है, जबकि कुट्टू प्रोटीन और फाइबर प्रदान करता है। बेंगलुरु के स्टार्टअप प्रोटोप्लेनेट ने ये बीज उपलब्ध कराए। इस प्रयोग को अमेरिका की बायोस्पेस रिसर्च कंपनी जगुआर स्पेस ने डिजाइन किया। बीजों का अध्ययन अंतरिक्ष में खेती की संभावनाओं को तलाशेगा।
मिशन की समयरेखा
क्रू-11 अंतरिक्ष मिशन शुक्रवार को फ्लोरिडा से लॉन्च हुआ और शनिवार को आईएसएस पहुंचा। बीज एक सप्ताह तक सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में रहेंगे। क्रू-10 मिशन इन्हें अगस्त के अंत तक पृथ्वी पर लाएगा। भारतीय शोधकर्ता बीजों के गुणों में बदलाव का अध्ययन करेंगे। इस प्रयोग से भविष्य के मिशनों के लिए भोजन उगाने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। अधिक जानकारी के लिए नासा देखें।
वैश्विक सहयोग का प्रतीक
इस अंतरिक्ष मिशन में भारत, पाकिस्तान, मालदीव, आर्मेनिया, मिस्र, ब्राजील, अर्जेंटीना, कोस्टा रिका, ग्वाटेमाला और नाइजीरिया के बीज शामिल हैं। यह वैज्ञानिक सहयोग का प्रतीक है। प्रयोग का उद्देश्य लंबे अंतरिक्ष मिशनों के लिए स्वावलंबी खेती की संभावनाएं तलाशना है। यह कदम लागत और संसाधनों को कम करने में मदद करेगा। यह मिशन भारत-पाकिस्तान के बीच सहयोग का नया अध्याय शुरू करता है।
