Space News: खगोलविदों ने सौर मंडल में तीसरे इंटरस्टेलर धूमकेतु 3I/ATLAS की खोज की है। यह धूमकेतु अपनी तेज गति और अनोखी कक्षा के लिए चर्चा में है। कई शक्तिशाली टेलीस्कोप जैसे वेरा सी. रुबिन ऑब्जर्वेटरी, वेरी लार्ज टेलीस्कोप और जेमिनी साउथ टेलीस्कोप इसे देख रहे हैं। हाल ही में हबल स्पेस टेलीस्कोप ने भी इसकी निगरानी शुरू की है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप जल्द ही इसका अध्ययन करेगा। यह धूमकेतु 2019 में खोजे गए 2I/बोरिसोव के बाद दूसरा इंटरस्टेलर धूमकेतु है।
धूमकेतु की संरचना
खगोलविदों ने धूमकेतु के चारों ओर धुंधली कोमा देखी है। कोमा धूल और गैस का एक आवरण है जो धूमकेतु के नाभिक को घेरता है। ब्रायस बोलिन ने पालोमार ऑब्जर्वेटरी से इसकी तस्वीरें लीं। उन्होंने बताया कि कोमा दो से तीन आर्कसेकंड चौड़ी है। रुबिन ऑब्जर्वेटरी की तस्वीरों से पता चला कि यह कोमा धीरे-धीरे बढ़ रही है। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि धूमकेतु का नाभिक 11.2 किलोमीटर चौड़ा है। कुछ तस्वीरों में धूमकेतु की पूंछ भी दिखाई दी है।
अनोखी पूंछ
रुबिन ऑब्जर्वेटरी की तस्वीरों में धूमकेतु की पूंछ सूर्य की ओर इशारा करती दिखी। आमतौर पर सूर्य का विकिरण धूमकेतु की पूंछ को सूर्य से दूर धकेलता है। बोलिन का कहना है कि भारी कण सूर्य की ओर जा रहे हैं। ये कण इतने भारी हैं कि सूर्य का विकिरण इन्हें प्रभावित नहीं कर पाता। यह खोज धूमकेतु की संरचना को समझने में मदद करेगी।
उत्पत्ति का रहस्य
धूमकेतु 3I/ATLAS की उत्पत्ति अभी स्पष्ट नहीं है। मैथ्यू हॉपकिन्स और उनकी टीम ने विश्लेषण किया कि यह धूमकेतु मिल्की वे के मोटे डिस्क से आया हो सकता है। यह क्षेत्र पुराने तारों का है। यदि यह सही है, तो यह धूमकेतु 7 अरब साल पुराना हो सकता है। यह हमारे सौर मंडल से भी अधिक प्राचीन है। इसकी कक्षा ग्रहों के तल से केवल 5 डिग्री झुकी हुई है।
कक्षा और अवलोकन
यह धूमकेतु तेजी से सौर मंडल से गुजर रहा है। यह जुपिटर, मंगल और शुक्र के करीब से गुजरेगा। पृथ्वी से इसकी सबसे नजदीकी दूरी 1.8 खगोलीय इकाई होगी। दिसंबर में यह धरती से धुंधला दिखेगा। जब यह सूर्य के सबसे करीब होगा, तब पृथ्वी से इसका अवलोकन मुश्किल होगा। हबल और वेब टेलीस्कोप भी सूर्य की चमक के कारण इसे नहीं देख पाएंगे।
अंतरिक्ष यान से निगरानी
मार्शल यूबैंक्स ने बताया कि कुछ अंतरिक्ष यान इस धूमकेतु को देख सकते हैं। जुपिटर आइसी मून्स एक्सप्लोरर (JUICE) और साइकी यान इसकी तस्वीरें ले सकते हैं। JUICE धूमकेतु से केवल 0.3 खगोलीय इकाई दूर होगा। साइकी भी 0.4 खगोलीय इकाई की दूरी पर है। मंगल पर मौजूद रोबोटिक उपकरण भी इसे देख सकते हैं। इन यानों से धूमकेतु की गतिविधियों का अध्ययन हो सकता है। इससे पहले के इंटरस्टेलर पिंडों का अध्ययन सीमित रहा था। इस बार वैज्ञानिक पूर्ण अवलोकन की उम्मीद कर रहे हैं।
