शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

सोनम वांगचुक: लेह पुलिस ने शिक्षाविद और समाजसेवी को किया गिरफ्तार, केंद्र सरकार पर उठे सवाल

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Leh News: लद्दाख के प्रमुख समाजसेवी और शिक्षाविद सोनम वांगचुक को शुक्रवार को लेह पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उन्हें एक अज्ञात स्थान पर ले जाया है। गृह मंत्रालय ने उन पर हाल ही में लेह में हुई हिंसक झड़पों के लिए भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया है। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और 80 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

सरकार का आरोप है कि सोनम वांगचुक के नेतृत्व में लद्दाख राज्य के लिए चल रहा आंदोलन हिंसक हो गया। प्रशासन के अनुसार बुधवार को हुए प्रदर्शनों के दौरान आगजनी और पथराव की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में 40 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। केंद्र सरकार ने आरोप लगाया है कि वांगचुक और कुछ राजनीतिक तत्व बातचीत में हुई प्रगति से खुश नहीं थे।

वहीं सोनम वांगचुक ने सरकार के इन आरोपों को सख्ती से खारिज किया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि उन पर आरोप लगाना बलि का बकरा बनाने की रणनीति है। उनका कहना है कि इससे लद्दाख की वास्तविक समस्याओं से ध्यान हटाने का प्रयास किया जा रहा है। वांगचुक ने आशंका जताई कि सरकार उन पर जन सुरक्षा अधिनियम लगा सकती है।

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सोनम वांगचुक ने कहा कि युवाओं में पहले से ही गहरी निराशा है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस चालाकी से समस्या का समाधान नहीं निकलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी गिरफ्तारी से स्थिति और भी बिगड़ सकती है। उनके अनुसार समस्या का समाधान युवाओं की बात सुनने में है।

कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) ने लेह हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग की है। संगठन ने प्रशासन से लोगों को निशाना बनाना बंद करने का आग्रह किया है। केडीए ने सोनम वांगचुक का बचाव करते हुए सरकार के आरोपों को गलत बताया है। संगठन ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

केडीए के प्रमुख नेताओं ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी लेकिन प्रशासन ने हालात को गलत तरीके से संभाला। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय और लद्दाख प्रशासन दोनों ही इस हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले पांच साल से आंदोलन शांतिपूर्ण चल रहा था।

लेह एपेक्स बॉडी और केडीए लंबे समय से लद्दाख के लिए चार मुख्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इन मांगों में लद्दाख को राज्य का दर्जा देना शामिल है। अन्य मांगों में छठी अनुसूची का विस्तार और लोक सेवा आयोग की स्थापना शामिल है। संगठन लेह और कारगिल के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटों की भी मांग कर रहे हैं।

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इन समूहों का कहना है कि सरकार के साथ कई दौर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन अब तक उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इसी निराशा और असंतोष के चलते हालात तनावपूर्ण हो गए थे। स्थानीय लोगों का मानना है कि केंद्र सरकार ने लद्दाख के मुद्दों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया है।

लेह में हुई हिंसा के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है। सुरक्षा बलों को अतिरिक्त तैनात किया गया है। प्रशासन ने कर्फ्यू जैसे सख्त कदम उठाए हैं। स्थानीय नेताओं ने शांति बनाए रखने की अपील की है। हिंसा में घायल हुए लोगों का इलाज स्थानीय अस्पतालों में चल रहा है।

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने लद्दाख के राजनीतिक और सामाजिक माहौल को और गर्मा दिया है। उनके समर्थक इस कार्रवाई को दमनात्मक बता रहे हैं। वहीं सरकार का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। अब सभी की नजरें अदालत और आगे की कानूनी प्रक्रिया पर टिकी हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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