New Delhi News: भारत ने साल 2025 में ऊर्जा के क्षेत्र में इतिहास रच दिया है। देश में अब 50 प्रतिशत बिजली स्वच्छ स्रोतों से बन रही है। इसमें सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा योगदान है। सरकार ने जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता काफी कम कर दी है। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में भी रिकॉर्ड तोड़ बढ़त हुई है। यह साल भारत के लिए गेम चेंजर साबित हुआ है।
आंकड़ों ने सबको चौंकाया
देश की कुल बिजली उत्पादन क्षमता अब 510 गीगावाट हो गई है। इसमें से 262 गीगावाट बिजली बिना कोयले या डीजल के बन रही है। रिन्यूएबल एनर्जी की क्षमता 254 गीगावाट पहुंच गई है। वहीं, पुराने ईंधन वाली क्षमता 247 गीगावाट ही रह गई है। यह आंकड़ा बताता है कि भारत अब सौर ऊर्जा और अन्य ग्रीन सोर्स से आधे से ज्यादा बिजली बना रहा है।
एक साल में जुड़ी इतनी बिजली
आंकड़ों के मुताबिक, इस साल देश ने 50 गीगावाट नई रिन्यूएबल एनर्जी जोड़ी है। इसमें अकेले सौर ऊर्जा का हिस्सा 35 गीगावाट है। इसके अलावा विंड एनर्जी ने भी रफ़्तार पकड़ी है। मार्च 2025 में विंड एनर्जी ने 50 गीगावाट का बड़ा माइलस्टोन पार कर लिया था। इस साल हवा से बिजली बनाने की क्षमता में 4 से 5 गीगावाट की बढ़ोतरी हुई है।
गुजरात में शुरू हुआ अनोखा प्लांट
ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में भी भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। जून 2025 में अदाणी न्यू इंडस्ट्रीज ने गुजरात के कच्छ में देश का पहला पायलट प्लांट शुरू किया। यह 5 मेगावाट का प्लांट पूरी तरह सौर ऊर्जा से चलता है। यह ऑफ-ग्रिड है, यानी इसे बाहर से बिजली की जरूरत नहीं पड़ती। इसमें बैटरी स्टोरेज सिस्टम भी लगा हुआ है।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बंपर बिक्री
सड़कों पर भी बड़ा बदलाव दिख रहा है। फाडा (FADA) के मुताबिक, जनवरी से नवंबर तक 20 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियां बिकी हैं। इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में 77.5 प्रतिशत का भारी उछाल आया है। वहीं, दोपहिया वाहनों की बिक्री भी 9 प्रतिशत बढ़ी है। लोग अब सौर ऊर्जा से चार्ज होने वाली और प्रदूषण मुक्त गाड़ियां पसंद कर रहे हैं।
