New Delhi: आज 21 सितंबर 2025 को वर्ष का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जिसमें चंद्रमा सूर्य के एक हिस्से को ढक देगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा बल्कि ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अंटार्कटिका में दिखेगा। भारतीय समयानुसार यह ग्रहण रात 11 बजे शुरू होगा।
ग्रहण का समय और स्थिति
सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात 11 बजे शुरू होगा। 22 सितंबर को रात 1 बजकर 11 मिनट पर ग्रहण अपने चरम पर होगा। रात 3 बजकर 23 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा। यह ग्रहण कन्या राशि में लग रहा है। चूंकि यह भारत में दिखाई नहीं दे रहा है, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।
122 साल बाद बना दुर्लभ संयोग
ज्योतिषियों के अनुसार यह ग्रहण विशेष महत्व रखता है। 122 वर्षों बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब पितृपक्ष की शुरुआत और समापन दोनों ग्रहण के साथ हो रहे हैं। पिछली बार ऐसा संयोग सन 1903 में देखने को मिला था। इस कारण इस ग्रहण का महत्व और बढ़ जाता है।
ग्रहों की स्थिति और प्रभाव
इस ग्रहण के दौरान सूर्य, चंद्रमा और बुध का संयोग बनेगा। राहु-केतु का असर कुंभ और सिंह राशि पर रहेगा। शुक्र और केतु का प्रभाव सक्रिय रहने से राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता संभावना बनी रहेगी। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि शेयर बाजार पर भी असर पड़ सकता है।
राशियों पर प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। वृषभ, कर्क, कन्या, धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इन राशियों के लोगों को स्वास्थ्य और वित्तीय मामलों में सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
देश और दुनिया पर प्रभाव
माना जा रहा है कि इस ग्रहण का प्रभाव भारत के दक्षिणी राज्यों पर पड़ सकता है। तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र के नासिक क्षेत्र में विशेष प्रभाव देखने को मिल सकता है। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और श्रीलंका में भी कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
ग्रहण भले ही भारत में दिखाई न दे रहा हो, लेकिन ज्योतिषीय गणना के अनुसार इसका प्रभाव अवश्य पड़ेगा। खगोल विज्ञान और ज्योतिष शास्त्र दोनों ही दृष्टिकोण से यह ग्रहण महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वैज्ञानिकों के लिए यह अवलोकन का एक अच्छा अवसर होगा।
