Solan News: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की भटोलीकलां पंचायत की प्रधान सोनू देवी को उनके पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उपायुक्त सोलन ने यह कार्रवाई पंचायती राज अधिनियम की धारा 145 (1)(ग) के तहत की है। यह निर्णय एक प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में पंचायत कार्यों में उनके पति की दखलअंदाजी के आरोपों की पुष्टि के बाद लिया गया है।
शिकायत और जांच की प्रक्रिया
मामला झाड़माजरी कुंजाहल निवासी राजन शर्मा की एक शिकायत से शुरू हुआ। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि प्रधान सोनू देवी के पति पंचायत के कार्यों और बैठकों में अनुचित रूप से हस्तक्षेप कर रहे हैं। इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए खंड विकास अधिकारी पट्टा द्वारा एक प्रारंभिक जांच करवाई गई।
जांच में क्या पाया गया?
जांच रिपोर्ट में पाया गया कि पंचायत क्षेत्र में हुए निर्माण कार्यों की शिलान्यास पट्टिकाओं पर प्रधान ने अपने नाम के साथ अपने पति का नाम भी अंकित करवाया था। इसके अलावा, उनके पति को नियमित रूप से पंचायत कार्यालय में बैठकों में शामिल होते और कार्यों की निगरानी करते पाया गया।
व्यक्तिगत सुनवाई में भी पति साथ आए
22 अगस्त 2025 को हुई व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान भी सोनू देवी अपने पति के साथ पहुंचीं। उन्होंने पंचायत की ओर से पक्ष रखने का प्रयास किया। जांच में इसे भी नियमों का उल्लंघन माना गया। रिपोर्ट में कहा गया कि प्रधान अपने पति की दखलअंदाजी को रोकने में विफल रहीं।
नोटिस का जवाब रहा असंतोषजनक
इन आरोपों के आधार पर 4 जुलाई 2025 को प्रधान को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने 17 जुलाई को अपना जवाब दिया, लेकिन उसे असंतोषजनक और तथ्यहीन पाया गया। इसके बाद 25 अगस्त को व्यक्तिगत सुनवाई रखी गई, लेकिन प्रधान 22 अगस्त को ही अपने पति के साथ सुनवाई के लिए पहुंच गईं।
उपायुक्त ने दिया निलंबन का आदेश
उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने कहा कि प्रधान का जवाब संतोषजनक नहीं था। उन्होंने पंचायती राज विभाग के दिशा-निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन किया। उपायुक्त ने आशंका जताई कि यदि वह पद पर बनी रहतीं तो जांच प्रभावित हो सकती थी। निलंबन आदेश में सभी अभिलेख और संपत्ति पंचायत सचिव को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
