Himachal News: बद्दी के टोल बैरियर के पास एक दवा कंपनी में भीषण आग लग गई। इस आग में मशीनरी, तैयार और कच्चा माल पूरी तरह जलकर राख हो गया। अग्निशमन विभाग की टीम ने करीब तेरह घंटे के अथक प्रयास के बाद आग पर काबू पाया। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है।
यह घटना आधी रात को घटित हुई जब कंपनी में नाइट शिफ्ट चल रही थी। उस समय सोलह कर्मचारी ड्यूटी पर मौजूद थे। तीन मंजिला भवन की तीसरी मंजिल पर लगी आग ने पूरे टेबलेट सेक्शन को नष्ट कर दिया। आग लगने के बाद हुए धमाके से स्थिति और गंभीर हो गई।
कर्मचारियों को बचाने का संघर्ष
कंपनी के प्रबंधक मनोहर चंद्र जोशी ने बताया कि तीसरी मंजिल पर मौजूद तीन कामगार ग्रिल के सहारे सुरक्षित नीचे उतर गए। बाकी कर्मचारी पहली और दूसरी मंजिल से बाहर निकलने में सफल रहे। तीन कर्मचारियों को उतरते समय मामूली चोटें आईं जिनका प्राथमिक उपचार किया गया।
लीडिंग फायरमैन भीम सिंह ने बताया कि उन्हें रात एक बजे आग की सूचना मिली। सूचना मिलते ही चार फायर टेंडर तत्काल मौके पर पहुंचे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नालागढ़ से एक और टेंडर बुलाया गया। पांच फायर टेंडरों ने मिलकर आग बुझाने का काम किया।
आग बुझाने में लगे तेरह घंटे
अग्निशमन विभाग की टीमों ने लगातार तेरह घंटे तक आग बुझाने का प्रयास किया। उनकी कोशिशों से भवन की पहली दो मंजिलों को सुरक्षित बचा लिया गया। कंपनी में सॉफ्ट जेल कैप्सूल बनते थे जो पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए उपयोग होते हैं।
आग से हुए वास्तविक नुकसान का आकलन अभी किया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। तीसरी मंजिल पर रखा कच्चा और तैयार माल पूरी तरह नष्ट हो गया है। मशीनरी को भी भारी क्षति पहुंची है।
तीन दिन में दूसरी बड़ी घटना
यह तीन दिन के भीतर आग लगने की दूसरी बड़ी घटना है। दो दिन पहले झाड़माजरी में एक दवा कंपनी में आग लगी थी। उस घटना में भी करोड़ों रुपये की संपत्ति जलकर नष्ट हो गई थी। उस समय भी दमकल विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
कंपनी में आपातकालीन निकास का उचित प्रबंध नहीं होने से दमकल कर्मचारियों को दीवार तोड़कर अंदर प्रवेश करना पड़ा। इस घटना ने औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा मानकों के पालन की आवश्यकता को फिर से रेखांकित किया है।
