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शुक्रवार, 22 सितम्बर,2023

1972 में आज ही के दिन आठ रियासतों के विलय से बना था सोलन, माता शूलिनी के नाम रखा था नाम

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Happy Birthday Solan: राजधानी शिमला के बाद प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा शहर सोलन शुक्रवार को 51 वर्ष का हो गया। प्रदेश में जिलों के पुनर्गठन के दौरान एक सितंबर, 1972 को सोलन जिला अस्तित्व में आया था। आजादी के बाद हिमाचल के बनने व राज्य के पुनर्गठन के समय बघाट रियासत के साथ लगती आठ रियासतों को मिलाकर सोलन जिला का गठन किया गया था। सोलन की अधिष्ठात्री मां शूलिनी के नाम पर बसा सोलन जिला, मां के आशीर्वाद से तब से लेकर आज तक विकास की राह पर अग्रसर है और नई ऊंचाइयां छू रहा है।

सोलन का इतिहास बघाट रियासत से जुड़ा हुआ है। स्वतंत्रता से पूर्व सोलन बघाट रियासत की राजधानी थी। वर्ष 1971 में हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद जिलों के पुनर्गठन का कार्य आरंभ हुआ। तत्कालीन महासू जिला की सोलन व अर्की तहसील और शिमला जिला के कंडाघाट व नालागढ़ को मिलाकर सोलन जिला बनाया गया। इतिहास की बात करें तो सोलन जिला में बघाट, बाघल, कुनिहार, कुठाड़, मांगल, बेजा, महलोग, हंडूर (नालागढ़) सहित क्योंथल व कोठी रियासत के कुछ भाग शामिल हैं।

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राजधानी शिमला से 46 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सोलन जिला का कुल भौगोलिक क्षेत्र 1936 वर्ग किलोमीटर है जोकि प्रदेश के कुल क्षेत्रफल का 3.49 प्रतिशत है। आज सोलन जिला औद्योगिकीकरण में ही अग्रणी नहीं है। बल्कि प्रदेश का शिक्षा हब, तीव्र विकसित व्यापारिक केंद्र, पर्यटन व धार्मिक दृष्टि, कृषि-बागबानी सहित बेमौसमी सब्जियों व पुष्प उत्पादन के क्षेत्र में भी मिसाल बना है। मशरूम सिटी ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर सोलन ने आधुनिकता व प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के क्षेत्र में भी अपनी पैठ बनाई है। मैदानी क्षेत्र चंडीगढ़ व पहाड़ों की रानी शिमला के बीच बसा सोलन आज लोगों के लिए सेकंड होम के रूप में पहली पसंद बन गया है।

कभी बघाट रियासत की राजधानी था सोलन

स्वतंत्रता से पूर्व सोलन बघाट रियासत की राजधानी थी। महासू जिला की सोलन व अर्की तहसील और शिमला जिला के कंडाघाट व नालागढ़ को मिलाकर सोलन जिला बनाया गया।

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चायल में है दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट ग्राउंड

जिला में कई धार्मिक व पर्यटन स्थल हैं। चायल व कसौली विश्व के पर्यटन स्थलों में एक खास पहचान रखते हैं। चायल में विश्व का सबसे ऊंचा क्रिकेट ग्राउंड है। पटियाला रियासत के महाराजा द्वारा बनाया गया चायल पैलेस, काली टिब्बा भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। कसौली की बात करें तो छोटे से हिल स्टेशन में कई ऐतिहासिक इमारतें हैं।

विश्व प्रसिद्ध लॉरेंस स्कूल सनावर भी यहीं स्थित है। यहांनामी राजनीतिक व बॉलीवुड हस्तियों सहित नामचीन विदेशियों ने भी शिक्षा ग्रहण की है। सुबाथू छावनी, कसौली छावनी, डगशाई छावनी, अर्की, नालागढ़ व धारों की धार का किला, जटोली शिव मंदिर, मोहन नेशनल हेरिटेज पार्क, नौणी विश्विद्यालय, शिव तांडव गुफा कुनिहार, बिजेश्वर देव मंदिर देवथल(गंभरपुल) व अन्य दर्शनीय स्थल हैं।

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