शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

सोशल मीडिया: अश्लीलता पर सरकार का प्रहार, अब 24 घंटे में हटाना होगा विवादित कंटेंट; जानें पूरा मामला

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New Delhi News: केंद्र सरकार ने इंटरनेट को सुरक्षित बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अश्लीलता बिल्कुल नहीं चलेगी। सरकार ने यूजर्स, खासकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए नियमों को बेहद सख्त कर दिया है। जिन प्लेटफॉर्म के पास 50 लाख से ज्यादा यूजर्स हैं, उन्हें अब भारत में स्थानीय अधिकारी नियुक्त करने होंगे। इसके साथ ही उन्हें हर महीने कंप्लायंस रिपोर्ट भी देनी होगी।

सेंसर बोर्ड नहीं, IT नियमों से चलेंगे Netflix और Amazon

संसद में यह साफ हो गया है कि नेटफ्लिक्स और अमेज़न प्राइम जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म सेंसर बोर्ड (CBFC) के अधीन नहीं हैं। सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने बताया कि ये प्लेटफॉर्म IT नियम 2021 के तहत काम करेंगे। सोशल मीडिया की तरह ही इन्हें भी नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा। इन नियमों के तहत ओटीटी प्लेटफॉर्म को कानूनन प्रतिबंधित कंटेंट दिखाने से बचना होगा। उन्हें अपनी सामग्री को दर्शकों की उम्र के हिसाब से वर्गीकृत करना होगा।

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शिकायत निपटाने का तीन स्तरीय सिस्टम

सरकार ने कंटेंट को रेगुलेट करने और शिकायतों के समाधान के लिए तीन स्तरीय सिस्टम बनाया है। इसमें सेल्फ-रेगुलेशन से लेकर केंद्र सरकार की निगरानी शामिल है। नियमों का पालन न करने पर सरकार सख्त कार्रवाई भी कर रही है। मंत्री ने जानकारी दी कि अश्लील सामग्री दिखाने वाले 43 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक किया जा चुका है। सोशल मीडिया पर डीपफेक और एआई के जरिए दूसरों की नकल करने वाले कंटेंट पर भी पूरी तरह रोक है।

24 घंटे के अंदर हटानी होगी अश्लील फोटो

नए नियमों के मुताबिक, कंपनियों को शिकायत अधिकारी रखने होंगे। अगर किसी की निजता का उल्लंघन होता है या नग्नता दिखाई जाती है, तो कंटेंट को 24 घंटे में हटाना होगा। वहीं, अन्य तरह की शिकायतों का निपटारा 72 घंटों के भीतर करना अनिवार्य है। बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों को गैर-कानूनी कंटेंट को फैलने से रोकने के लिए ऑटोमेटेड टूल्स का इस्तेमाल करना होगा।

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नियम तोड़े तो होगी कानूनी कार्रवाई

मंत्री ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि नियम न मानने पर कंपनियों को मिला कानूनी सुरक्षा कवच (Safe Harbor) खत्म हो जाएगा। अगर वे IT एक्ट का पालन नहीं करते हैं, तो उन पर मुकदमा चलाया जा सकेगा। इसके अलावा, मैसेजिंग सर्विस देने वाले ऐप्स को भी गंभीर मामलों में मैसेज के मूल सोर्स की जानकारी पुलिस को देनी होगी। सरकार का मुख्य उद्देश्य सोशल मीडिया और इंटरनेट को सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित बनाना है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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