Chamba News: हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र भरमौर में मौसम ने अचानक करवट ली है। यहां सीजन का पहला हिमपात दर्ज किया गया है। मणिमहेश डल झील समेत ऊंची पहाड़ियों पर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। इस बदलाव के साथ ही क्षेत्र के तापमान में तेजी से गिरावट आई है। लोगों ने ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े निकाल लिए हैं। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए राज्य के कई जिलों में भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी जारी की है।
रविवार तड़के शुरू हुई बारिश ने मौसम में ठंडक ला दी। बादलों की गरज और जोरदार बारिश के बाद पहाड़ियों पर बर्फबारी शुरू हो गई। यह दृश्य देखने लायक था जब पहाड़ियां सफेद रंग में नहा गईं। सुबह करीब दस बजे तक बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा। इससे पहाड़ी इलाकों का नजारा बिल्कुल बदल गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस साल समय से पहले ही ठंड ने दस्तक दे दी है।
लाहुल और कांगड़ा को जोड़ने वाले दर्रों पर भारी बर्फबारी
क्षेत्र से जिला कांगड़ा और लाहुल को जोड़ने वाले ऊंचे दर्रों पर भी भारी हिमपात की सूचना मिली है। इन दर्रों के बंद होने का खतरा बढ़ गया है। इससे स्थानीय यातायात पर असर पड़ सकता है। पहाड़ों पर हुई ताजा बर्फबारी और निचले इलाकों में हुई बारिश ने भरमौर क्षेत्र में सर्दियों का एहसास पैदा कर दिया है। लोग अचानक आई इस ठंड से हैरान हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, एक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण मौसम में यह बदलाव आया है। इसके प्रभाव से राज्य के अलग-अलग जिलों में अगले तीन दिनों तक मौसम खराब रहने की संभावना है। विभाग ने भारी वर्षा और हिमपात को लेकर पीले और नारंगी स्तर का अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी कई जिलों के लिए लागू है।
तापमान में गिरावट ने बढ़ाई ठंड
बदले मौसम के कारण क्षेत्र के तापमान में अचानक गिरावट दर्ज की गई है। निचले इलाकों में भी लोगों को ठंड का स्पष्ट अहसास होने लगा है। रविवार को भरमौर कस्बे में लोग गर्म कपड़ों में लिपटे हुए नजर आए। उन्होंने स्वेटर और जैकेट पहनकर अपने आप को ठंड से बचाया। सुबह और शाम के समय ठंड और बढ़ गई। लोगों ने घरों में हीटर और अंगीठी का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि पहाड़ों पर इस समय बर्फबारी का होना सामान्य है। लेकिन इस बार ठंड का प्रभाव निचले इलाकों में भी जल्दी और स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। इससे पता चलता है कि इस सर्दी का मौसम काफी कड़ाके की ठंड वाला हो सकता है। किसानों को भी मौसम के इस बदलाव की आशंका थी।
मणिमहेश डल झील पर बर्फ जमने से स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों में उत्साह देखा जा रहा है। यह झील धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। बर्फ से ढकी हुई झील का नजारा बेहद मनमोहक लग रहा है। हालांकि, ठंड बढ़ने के कारण यात्रा करना थोड़ा मुश्किल हो गया है। सुरक्षा के लिहाज से प्रशासन ने कुछ रास्तों पर पाबंदी भी लगा दी है।
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान ऊचाई वाले इलाकों में और बर्फबारी हो सकती है। निचले और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है। विभाग ने लोगों से सलाह दी है कि वे मौसम की ताजा जानकारी लेते रहें। बर्फबारी वाले इलाकों में यात्रा करने से पहले स्थिति की जांच कर लें।
इस मौसमी बदलाव का असर कृषि पर भी पड़ेगा। सेब के बागों के लिए यह बर्फबारी फायदेमंद साबित हो सकती है। लेकिन अत्यधिक ठंड से कुछ फसलों को नुकसान भी हो सकता है। किसान इस बदलाव पर नजर बनाए हुए हैं। सर्दियों के मौसम का यह पहला चरण है और आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की उम्मीद है।
