Himachal News: शिमला में वर्ल्ड स्नेक डे के दिन एक अनोखी घटना ने सबका ध्यान खींचा। बुधवार सुबह पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के कुसुम्पटी आवास में एक सांप घुस गया। वन विभाग की रैपिड रेस्पॉन्स टीम (आरआरटी) टुटीकांडी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्नेक रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस घटना ने न केवल मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व को उजागर किया, बल्कि आरआरटी की मुस्तैदी को भी सामने लाया।
त्वरित रेस्क्यू ऑपरेशन
सुबह 6:49 बजे डीजीपी आवास में हिमालयन ट्रिंकेट सांप (एलाफे हॉजसनआई) दिखने की सूचना मिली। आरआरटी टुटीकांडी को तुरंत सूचित किया गया, और मात्र तीन मिनट बाद सुबह 6:53 बजे टीम कुसुम्पटी के लिए रवाना हो गई। 11 किलोमीटर की दूरी तय कर सुबह 7:25 बजे पहुंची टीम ने पांच मिनट में सांप को सुरक्षित बचा लिया। इस गैर-विषैले सांप को सावधानी से उचित प्राकृतिक आवास में छोड़ा गया।
आरआरटी की सक्रियता
आरआरटी टुटीकांडी की तत्परता इस ऑपरेशन में साफ दिखी। जनवरी 2024 से जून 2025 तक, टीम ने 530 वन्यजीव संबंधी शिकायतों पर कार्रवाई की, जिनमें 241 रेस्क्यू ऑपरेशन सफल रहे। सबसे ज्यादा 196 शिकायतें बंदरों से थीं, जबकि 95 सांपों से संबंधित थीं, जिनमें 50 सांपों को सुरक्षित बचाया गया। मानसून में हर दिन औसतन चार से पांच स्नेक रेस्क्यू किए जाते हैं।
मानव-वन्यजीव संतुलन
हिमालयन ट्रिंकेट सांप इंसानों के लिए हानिरहित है, फिर भी आरआरटी ने पेशेवर ढंग से ऑपरेशन पूरा किया। यह घटना वन्यजीव संरक्षण और मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व के महत्व को दर्शाती है। वन विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि ऐसे ऑपरेशन जागरूकता बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे लोग सांपों को नुकसान पहुंचाने के बजाय उनकी सुरक्षा के लिए कदम उठाएं।
