Himachal News: हिमाचल प्रदेश में अब सभी बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर मिलेंगे। शिमला जोन के बाद अब पूरे प्रदेश में पुराने मीटर बदले जाएंगे। केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत प्रदेश में 29 लाख 18 हजार 432 मीटर बदले जाने हैं। अब तक बिजली बोर्ड 6 लाख 5 हजार 875 मीटर बदल चुका है। मंडी, हमीरपुर और धर्मशाला जोन में यह प्रक्रिया शुरू हो गई है।
भविष्य में स्मार्ट मीटर पर उपभोक्ताओं को प्रीपेड बिजली का विकल्प मिलेगा। मोबाइल रिचार्ज की तरह बिजली मीटर का भी रिचार्ज हो सकेगा। उपभोक्ता पहले पैसे जमा कराएंगे और फिर बिजली का उपयोग कर सकेंगे। इससे बिल भुगतान की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। बिजली बोर्ड का लक्ष्य पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाना है।
स्मार्ट मीटर के फायदे
स्मार्ट मीटर मानव हस्तक्षेप के बिना सही रीडिंग देते हैं। इनमें गलती की संभावना लगभग नहीं के बराबर है। बिजली बोर्ड के अनुसार पुराने मीटरों में कई बार रीडिंग गलत आ जाती थी। उपभोक्ताओं की शिकायतों के बाद स्मार्ट मीटर लगाने का निर्णय लिया गया। यह मीटर बिजली वितरण में होने वाली हानियों को कम करेंगे।
उपभोक्ता स्मार्ट मीटर से वास्तविक समय में अपनी बिजली खपत देख सकेंगे। वे जान सकेंगे कि किस समय कितनी बिजली खर्च हुई। मीटर रीडिंग कभी भी देखी जा सकेगी। इससे रीडिंग में होने वाली गलतियों का तुरंत पता चल जाएगा। स्मार्ट मीटर बिजली चोरी का भी पता स्वतः ही लगा लेते हैं।
बोर्ड की महत्वाकांक्षी योजना
बिजली बोर्ड के सलाहकार अनुराग पराशर ने बताया कि स्मार्ट मीटर आरडीएसएस योजना का हिस्सा हैं। यह प्रदेश में बिजली आपूर्ति को और सशक्त बनाएंगे। तकनीकी रूप से यह मीटर अधिक प्रभावी और आधुनिक हैं। बिजली बोर्ड का लक्ष्य पूरे प्रदेश में बिजली वितरण प्रणाली को मजबूत करना है। स्मार्ट मीटर इस दिशा में एक बड़ा कदम है।
