Himachal News: सिरमौर जिला पुलिस ने नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एक बड़ी कार्रवाई की है। पाबंटा क्षेत्र से दो महिलाओं को चरस तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार महिलाओं के कब्जे से 14.19 ग्राम चरस और 8500 रुपये नकद बरामद हुए।
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि ये महिलाएं भगवानपुर में चरस बेचने का धंधा कर रही हैं। इस सूचना पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तलाशी ली। दोनों महिलाओं को गिरफ्तार कर थाना माजरा में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
गिरफ्तार महिलाओं की पहचान
गिरफ्तार महिलाओं की पहचान शहीदा बेगम और हसीन फातिमा के रूप में हुई है। शहीदा बेगम युसूफ की पत्नी हैं और भगवानपुर गांव की निवासी हैं। हसीन फातिमा अली जान की पत्नी हैं और हरियाणा के यमुना नगर जिले की रहने वाली हैं। दोनों पर आरोप है कि वे लंबे समय से चरस बेचने का धंधा चला रही थीं।
पुलिस ने बताया कि महिलाओं से मिली गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई। तलाशी के दौरान चरस और नकद राशि के अलावा अन्य सबूत भी बरामद किए गए। यह मामला नशीले पदार्थों के व्यापार में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को उजागर करता है।
पुलिस अधीक्षक ने की पुष्टि
पुलिस अधीक्षक सिरमौर एनएस नेगी ने इस मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि नशे के खिलाफ पुलिस का अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई सफल रही। इससे नशा तस्करी के खिलाफ चल रहे अभियान को मजबूती मिलेगी।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि नशीले पदार्थों के व्यापार पर कड़ी नजर रखी जा रही है। ऐसी किसी भी गतिविधि की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाती है। उन्होंने आम जनता से सहयोग की अपील की है।
मामले की जारी है जांच
पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। दोनों महिलाओं से पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ये महिलाएं कितने समय से यह धंधा चला रही थीं। इसके अलावा उनके ग्राहकों और आपूर्तिकर्ताओं की पहचान की जा रही है।
बरामद नकद राशि से संबंधित जांच भी की जा रही है। पुलिस को संदेह है कि यह राशि नशीले पदार्थों की बिक्री से प्राप्त हुई होगी। महिलाओं के बैंक खातों और वित्तीय लेनदेन की भी जांच की जा रही है।
नशा मुक्ति अभियान को मिली बल
यह कार्रवाई सिरमौर पुलिस के नशा मुक्ति अभियान का हिस्सा है। पिछले कुछ महीनों में जिले में नशीले पदार्थों के कारोबार के कई मामले सामने आए हैं। पुलिस लगातार ऐसे मामलों में कार्रवाई कर रही है। इससे नशे के खिलाफ चल रहे अभियान को गति मिली है।
स्थानीय निवासियों ने पुलिस की इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि नशीले पदार्थों के कारोबार पर रोक लगाना जरूरी है। इससे युवाओं को नशे की लत से बचाया जा सकता है। समुदाय की सहभागिता से नशे के खिलाफ लड़ाई और प्रभावी हो सकती है।
