Himachal News: सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में पुलिस प्रशासन के भीतर बड़ा प्रशासनिक गतिरोध उत्पन्न हो गया है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने डीएसपी पांवटा साहिब मानवेंद्र ठाकुर के तबादला आदेश पर स्थगन आदेश जारी किया है। इस आदेश के बाद नए डीएसपी विजय रघुवंशी की ज्वाइनिंग प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर 2025 के लिए निर्धारित की है।
डीएसपी मानवेंद्र ठाकुर ने अपने तबादले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनकी याचिका का मुख्य आधार शॉर्ट स्टे यानी कम समय के लिए तबादला था। उन्होंने अदालत को बताया कि सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों में उनका बार-बार तबादला किया गया। हर बार उन्हें एक वर्ष की सेवा अवधि पूरी करने से पहले ही स्थानांतरित कर दिया गया।
चौथी बार हुआ था समय से पहले तबादला
रिकॉर्ड के मुताबिक डीएसपी मानवेंद्र ठाकुर का यह चौथा तबादला था जो निर्धारित अवधि से पहले किया गया। इसी वजह से उन्होंने अदालत से न्याय की गुहार लगाई थी। हाईकोर्ट ने उनकी दलीलों को सुनने के बाद मामले में अंतरिम राहत प्रदान की। अदालत ने तबादला आदेशों पर रोक लगा दी है। तब तक के लिए डीएसपी मानवेंद्र ठाकुर की तैनाती यथावत रहेगी।
सिरमौर के पुलिस अधीक्षक ने इस पूरे मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि डीएसपी मानवेंद्र ठाकुर को हाईकोर्ट से तबादला मामले में स्टे ऑर्डर मिला है। इस आदेश के बाद डीएसपी विजय रघुवंशी फिलहाल अपने पद पर कार्य नहीं कर पाएंगे। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि तबादला मामले में कोर्ट के अंतिम निर्णय के अनुसार ही आगे की कार्रवाई होगी।
प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
यह मामला पुलिस प्रशासन में तबादला नीति पर महत्वपूर्ण सवाल खड़े करता है। अधिकारियों के लगातार तबादले से प्रशासनिक कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। हाईकोर्ट के इस फैसले से अन्य अधिकारियों को भी न्यायिक राहत मिलने की उम्मीद बढ़ी है। यह मामला सरकारी तबादला नीति में सुधार की मांग को बल प्रदान करता है।
पांवटा साहिब में वर्तमान में डीएसपी पद की जिम्मेदारी मानवेंद्र ठाकुर के पास ही रहेगी। नए डीएसपी विजय रघुवंशी को कोर्ट के आदेश तक इंतजार करना होगा। इस पूरे प्रकरण ने पुलिस प्रशासन में एक अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न कर दी है। दोनों अधिकारी कोर्ट के अगले आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
